Up Kiran, Digital Desk: चंडीगढ़ की रात अचानक गोलियों की आवाज़ से दहला गई. शहर के सेक्टर 26 में सोमवार रात उस वक्त हड़कंप मच गया जब कुख्यात गैंगस्टर इंद्रप्रीत सिंह उर्फ पेरी को करीब से निशाना बनाकर मार दिया गया. घटना के तुरंत बाद पुलिस ने पूरे शहर में नाकाबंदी कर दी और सीमा प्रवेश बिंदुओं पर जांच तेज कर दी.
पेरी चंडीगढ़ सेक्टर 33 में रहता था और देर शाम वह अपनी दिनचर्या के बाद घर लौट रहा था. तभी एक किआ कार में आए तीन शूटरों ने उसका पीछा किया. उसे रोककर कई राउंड फायर किए. पुलिस सूत्रों के मुताबिक पेरी को पांच गोलियां लगीं और घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई.
पेरी का नाम लंबे समय से अपराध दुनिया से जुड़ा रहा है. वह और जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई कॉलेज के दिनों से दोस्त माने जाते हैं. दोनों पहले छात्र संगठन सोपू से जुड़े थे. पुलिस रिकॉर्ड बताता है कि पेरी पर चंडीगढ़ में कई मामलों में आरोप पहले से दर्ज थे.
इस हमले के बाद चंडीगढ़ पुलिस की कई टीमें सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही हैं. तकनीकी सबूत जुटाने के लिए स्पेशल यूनिट को भी लगाया गया है. शुरुआती जांच में इसे गैंगस्टर गैंगस्टर दुश्मनी का नतीजा बताया जा रहा है.
घटना के कुछ ही समय बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हुई जिसने मामले को और सनसनीखेज बना दिया. इस पोस्ट में हत्या की जिम्मेदारी लेने का दावा किया गया. यह संदेश आरज़ू बिश्नोई, हरि बॉक्सर, शुभम लोनकर और हरमन संधू के नाम से जारी बताया गया है. ये सभी नाम लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े माने जाते हैं.
पोस्ट में दावा किया गया कि पेरी ने अपने समूह के साथ धोखा किया था. संदेश में यह भी लिखा गया कि वह ‘गोल्डी’ और ‘रोहित’ नाम से चंडीगढ़ के क्लबों से पैसे वसूलता था. पोस्ट में कहा गया कि इसी धोखे और पैसे की वसूली के कारण उसकी हत्या की गई.
सोशल मीडिया पर फैले संदेश में गैंग की तरफ से क्लब मालिकों को चेतावनी भी दी गई. पोस्ट में लिखा था कि जो भी विरोधियों की मदद करेगा या उनके लिए पैसे जुटाएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा. यहां तक लिखा गया कि ज़रूरत पड़ने पर जेल के अंदर भी वार किया जा सकता है.
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