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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय क्रिकेट टीम के तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह ने हेडिंग्ले में खेले जा रहे हाई-स्टेक्स टेस्ट मैच में एक बड़ा मील का पत्थर हासिल किया है, जिसकी तुलना महान ऑलराउंडर कपिल देव से की जा रही है। बुमराह ने इस मैच में अपने टेस्ट करियर के 100 विकेट पूरे किए, और यह कारनामा उन्होंने एक खास अंदाज़ में किया।

हेडिंग्ले टेस्ट में, इंग्लैंड के खिलाफ़ मैच के दौरान, बुमराह ने अपनी शानदार गेंदबाज़ी से इंग्लिश बल्लेबाज़ों को परेशान किया। उन्होंने यह उपलब्धि हासिल करने के साथ-साथ एक और रिकॉर्ड बनाया: वह टेस्ट क्रिकेट में 1000 रन और 100 विकेट लेने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय क्रिकेटर बन गए हैं। उनसे पहले यह कारनामा सिर्फ भारत के महान कप्तान और विश्व कप विजेता कपिल देव ने ही किया था।

कपिल देव ने यह उपलब्धि 1981 में हासिल की थी। अब 43 साल बाद, जसप्रीत बुमराह ने इस विशिष्ट क्लब में अपनी जगह बनाई है। यह उपलब्धि बुमराह की सिर्फ गेंदबाज़ी में ही नहीं, बल्कि एक ऑलराउंडर के रूप में उनकी बढ़ती क्षमताओं को भी दर्शाती है। हाल के वर्षों में बुमराह ने अपनी बल्लेबाज़ी में भी सुधार किया है, जिससे वह टीम के लिए निचले क्रम में महत्वपूर्ण रन बना पा रहे हैं।

बुमराह की यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के लिए भी एक गर्व का क्षण है। एक तेज़ गेंदबाज़ के रूप में, बुमराह ने कम समय में ही टेस्ट क्रिकेट में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उनके यॉर्कर, सटीक लाइन-लेंथ और गेंद को दोनों तरफ़ स्विंग कराने की क्षमता ने उन्हें दुनिया के सबसे खतरनाक गेंदबाज़ों में से एक बना दिया है।

यह मील का पत्थर बुमराह को भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ियों की सूची में शामिल करता है और उनकी लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन करने की क्षमता को दर्शाता है।

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