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Up Kiran, Digital Desk: इस साल अयोध्या में दशहरे का रंग थोड़ा फीका रहने वाला है। राम की नगरी में इस बार भव्य रावण दहन का कार्यक्रम नहीं होगा, क्योंकि अयोध्या पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए 240 फीट ऊंचे रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों के दहन की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। यह फैसला शहर में दशहरे के सबसे बड़े आकर्षणों में से एक पर रोक लगाता है, जिससे आयोजक और स्थानीय लोग निराश हैं।

यह विशालकाय रावण अयोध्या के एक स्थानीय क्लब द्वारा पिछले कई सालों से बनाया जा रहा था और यह पूरे उत्तर भारत में सबसे ऊंचे रावणों में से एक माना जाता था। इसे देखने के लिए दूर-दूर से हजारों की भीड़ उमड़ती थी।

आखिर क्यों लगाई गई रोक: पुलिस प्रशासन का कहना है कि इतने ऊंचे पुतलों को जलाने में कई तरह के सुरक्षा जोखिम शामिल हैं। पुलिस के अनुसार:

आग लगने का खतरा: 240 फीट ऊंचे पुतले में बड़ी मात्रा में पटाखे और विस्फोटक सामग्री होती है। दहन के समय चिंगारियां और जलते हुए टुकड़े दूर तक फैल सकते हैं, जिससे आसपास के रिहायशी इलाकों और दुकानों में आग लगने का गंभीर खतरा हो सकता है।

भीड़ प्रबंधन: इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में भीड़ जुटती है, जिसे नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती होती है। किसी भी तरह की भगदड़ या अप्रिय घटना को रोकने के लिए, पुलिस कोई जोखिम नहीं लेना चाहती।

राम मंदिर की सुरक्षा: अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के बाद, पूरा क्षेत्र एक हाई-सिक्योरिटी जोन है। ऐसे में किसी भी बड़े आयोजन के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतना जरूरी है, ताकि मंदिर परिसर की सुरक्षा में कोई चूक न हो।

हालांकि, आयोजकों ने पुलिस को यह समझाने की कोशिश की कि वे सभी सुरक्षा मानकों का पालन करेंगे, लेकिन पुलिस ने किसी भी तरह का जोखिम उठाने से साफ मना कर दिया। इस फैसले ने उस परंपरा पर विराम लगा दिया है जो सालों से अयोध्या में दशहरे की पहचान बन चुकी थी। अब यह देखना होगा कि क्या भविष्य में आयोजक छोटे पैमाने पर इस कार्यक्रम का आयोजन कर पाते हैं या नहीं।