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Up Kiran, Digital Desk: सरकारी दफ़्तरों में फैले भ्रष्टाचार पर CBI ने एक बार फिर बड़ा एक्शन लिया है। शुक्रवार को एजेंसी ने गुजरात और महाराष्ट्र में दो अलग-अलग मामलों में जाल बिछाकर दो सरकारी अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

पहला मामला: डिफ़ेंस विभाग, गांधीनगर

कौन पकड़ा गया? - अशोक कुमार जादव, जो गांधीनगर में रक्षा लेखा महानियंत्रक (CGDA) के दफ़्तर में एक ऑडिटर है।

क्या था मामला? - एक प्राइवेट कंपनी के मालिक ने शिकायत की थी कि जादव उससे पुणे एयरफोर्स बेस पर CCTV लगाने के एक सप्लाई ऑर्डर को पास करने के बदले में 4 लाख रुपये की रिश्वत माँग रहा था। यह रक़म करीब 2.5 करोड़ रुपये के बिल का 2% थी।

कैसे पकड़ा गया? - शिकायत मिलने के बाद CBI ने जाल बिछाया और 30 सितंबर को ऑडिटर जादव को शिकायतकर्ता से 3.5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया और अब वह 4 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में है।

दूसरा मामला: रेलवे अस्पताल, नांदेड़कौन पकड़ा गया? - लक्ष्मीशंकर मथुराप्रसाद, जो नांदेड़ के डिविजनल रेलवे अस्पताल में चीफ़ ऑफ़िस सुपरिटेंडेंट है।

क्या था मामला? - यहाँ एक ठेकेदार ने शिकायत की थी कि लक्ष्मीशंकर उससे हाउसकीपिंग और सफाई कॉन्ट्रैक्ट के 91,576 रुपये के पेंडिंग बिल और 1.25 लाख रुपये की परफॉर्मेंस गारंटी को प्रोसेस करने के बदले में 25,000 रुपये माँग रहा था। बाद में मामला 20,000 रुपये में तय हुआ।

कैसे पकड़ा गया? - 29 सितंबर को CBI ने जाल बिछाया और अधिकारी को नांदेड़ में उसके घर पर ही 20,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए दबोच लिया।

CBI के मुताबिक, दोनों अधिकारियों के घरों और दफ़्तरों पर भी छापेमारी की गई है, जहाँ से कुछ incriminating दस्तावेज़ और डिजिटल सबूत मिले हैं, जिनकी जाँच की जा रही है।

CBI का कहना है कि दोनों मामलों में आगे की जाँच जारी है। यह कार्रवाई दिखाती है कि एजेंसी सरकारी दफ़्तरों में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए लगातार काम कर रही है।