
Up Kiran, Digital Desk: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए एक बड़ा और छात्र-हितैषी बदलाव करने का फैसला किया है। 2026 के शैक्षणिक सत्र से, सीबीएसई 10वीं की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित करेगा। यह पहल छात्रों पर परीक्षा के बोझ को कम करने और उन्हें अपनी तैयारी में सुधार करने के लिए अतिरिक्त अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है।
सीबीएसई के अनुसार, यह नई व्यवस्था राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की सिफारिशों के अनुरूप है, जिसका लक्ष्य छात्रों के लिए लचीली और तनाव-मुक्त सीखने का माहौल तैयार करना है। नए पैटर्न के तहत, छात्र दोनों परीक्षाओं में से जिस परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करेंगे, उसके अंक अंतिम परिणाम में शामिल किए जाएंगे। यह 'बेस्ट ऑफ टू' (Best of Two) दृष्टिकोण छात्रों को यह सुनिश्चित करने की सुविधा देगा कि उन्हें अपनी क्षमताओं के अनुसार सर्वोत्तम संभव अंक मिलें।
इस बदलाव के मुख्य फायदे:
यह निर्णय छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त कर रहा है, क्योंकि यह शिक्षा प्रणाली में एक लंबे समय से प्रतीक्षित सुधार है। यह छात्रों को सिर्फ रटने की बजाय, वास्तविक सीखने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करेगा। यह बदलाव भारतीय शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मानकों के करीब लाने में भी मदद करेगा।
सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि इस नई प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए विस्तृत दिशानिर्देश और समय-सारणी जल्द ही जारी की जाएगी, ताकि छात्रों, स्कूलों और अभिभावकों को पर्याप्त समय मिल सके तैयारी करने के लिए।
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