
Up Kiran, Digital Desk: तमिलनाडु सरकार ने संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यातों पर लगाए जाने वाले 25 प्रतिशत टैरिफ के गंभीर निहितार्थों को लेकर चिंता व्यक्त की है। राज्य सरकार ने चेतावनी दी है कि इस टैरिफ को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्तावित कदम तमिलनाडु के विनिर्माण क्षेत्र को तबाह कर सकता है और लाखों नौकरियों पर भारी पड़ सकता है।
अमेरिका पर तमिलनाडु की भारी निर्भरता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक विस्तृत पत्र में, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अन्य भारतीय राज्यों की तुलना में तमिलनाडु की अमेरिकी बाजार पर निर्भरता कहीं अधिक है। जहाँ 2024-25 में भारत के कुल 433.6 बिलियन डॉलर के माल निर्यात का 20 प्रतिशत हिस्सा अमेरिका को जाता था, वहीं तमिलनाडु ने अपने 52.1 बिलियन डॉलर के निर्यात का 31 प्रतिशत उसी देश को भेजा। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि यह भारी निर्भरता तमिलनाडु को टैरिफ झटकों के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील बनाती है।
प्रभावित होने वाले प्रमुख क्षेत्र और नौकरियों पर खतरा
इस संभावित टैरिफ वृद्धि से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में कपड़ा (textiles), परिधान (apparels), मशीनरी, ऑटो कंपोनेंट्स, रत्न और आभूषण, चमड़ा (leather), जूते (footwear), समुद्री उत्पाद (marine products), और रसायन (chemicals) शामिल हैं। ये सभी श्रम-गहन उद्योग (labour-intensive industries) हैं, जहाँ निर्यात में किसी भी गिरावट का सीधा मतलब बड़े पैमाने पर छंटनी (mass layoffs) होगा।
विशेष रूप से, कपड़ा उद्योग, जो भारत के कुल निर्यात का 28 प्रतिशत हिस्सा है और राज्य में लगभग 75 लाख लोगों को रोजगार देता है, एक विशेष रूप से गंभीर खतरे का सामना कर रहा है। अधिकारियों का अनुमान है कि यदि टैरिफ दोगुना होकर 50 प्रतिशत हो जाता है, तो तत्काल 30 लाख नौकरियां जोखिम में पड़ सकती हैं।
CM स्टालिन ने केंद्र सरकार से तत्काल सुधारात्मक उपायों का आग्रह किया
इस संभावित आर्थिक झटके से निपटने के लिए, मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने केंद्र सरकार से तत्काल सुधारात्मक उपायों की मांग की है। इन उपायों में शामिल हैं:
तमिलनाडु सरकार का यह पत्र भारत के निर्यात क्षेत्र, विशेष रूप से श्रम-गहन उद्योगों पर अमेरिकी व्यापार नीतियों के संभावित नकारात्मक प्रभाव को उजागर करता है। केंद्र सरकार से की गई ये मांगें राज्य के विनिर्माण क्षेत्र और लाखों श्रमिकों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से की गई हैं।
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