Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक सभा में ऐसा तथ्य साझा किया जो समाज में गहरी चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने भारत की ऐतिहासिक आबादी को लेकर एक चौकाने वाला दावा किया। सीएम योगी ने बताया कि इस्लामी आक्रमणों के पहले भारत में हिंदू आबादी लगभग 60 करोड़ थी, जो आजादी के वक्त तक घटकर केवल 30 करोड़ रह गई। इस बयान ने न केवल इतिहास की एक झलक दी, बल्कि भारत की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर भी नए सवाल खड़े किए।
ऐतिहासिक जनसंख्या में आई कमी का कारण और प्रभाव
सीएम योगी के अनुसार, करीब 800-900 वर्षों में भारत में हिंदू समुदाय की संख्या में भारी गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि सिर्फ़ आक्रमणकारियों से ही नुकसान नहीं हुआ, बल्कि भूखमरी, बीमारियां और अन्य कष्टों ने भी जनसंख्या को प्रभावित किया। उनका कहना था कि विदेशी शासन के दौरान देशवासियों को अनगिनत चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिससे जनसंख्या पर गहरा असर पड़ा। यह बात इतिहास के उस पक्ष को उजागर करती है, जिसे अक्सर नजरअंदाज किया जाता है।
कृषि और प्राकृतिक खेती: देश की पुरानी ताकत
योगी आदित्यनाथ ने प्राकृतिक खेती की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पहले हमारे किसान गोबर और खुर से मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते थे, जिससे उत्पादन काफी बढ़िया होता था। यह पारंपरिक खेती भारत की कृषि समृद्धि का मूल था। 300 साल पहले भारत एक विश्वगुरु और प्रमुख उत्पादन केंद्र था, लेकिन समय के साथ भाषा, क्षेत्र और जाति के आधार पर विभाजन ने देश को कमजोर किया।
समृद्धि और सामाजिक एकता की आवश्यकता
सीएम योगी ने यह भी कहा कि भारत की सामाजिक एकता और आर्थिक प्रगति के लिए हमें अपने अतीत से सीखना होगा। विभाजन के कारण देश के संसाधनों और ताकतों का सही उपयोग नहीं हो पाया। प्राकृतिक खेती और स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देकर फिर से देश को कृषि क्षेत्र में अग्रणी बनाया जा सकता है। यह संदेश किसानों और आम जनता दोनों के लिए प्रासंगिक है।
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