img

Up kiran,Digital Desk : "जिन्हें आईना दिखाना था, वो गायब हैं!"... झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जब बोलने के लिए खड़े हुए, तो सामने विपक्ष की खाली कुर्सियां देखकर उन्होंने कुछ इसी अंदाज़ में तीखा हमला बोला।

विपक्ष की गैरमौजूदगी में सीएम सोरेन ने न सिर्फ अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किया, बल्कि केंद्र सरकार पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 25 साल का हो चुका यह झारखंड अब न किसी से डरेगा, न डिगेगा और न ही झुकेगा।

"अखबारों में छपने के लिए हंगामा करता है विपक्ष"

मुख्यमंत्री सोरेन विपक्ष पर खासे नाराज दिखे। उन्होंने कहा, "आज सत्तापक्ष तो पूरी मजबूती से यहां बैठा है, लेकिन जिन्हें जनता के सवाल उठाने चाहिए थे, वो सदन से ही गायब हैं।" उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष के पास न तो कोई मुद्दा है, न तर्क और न ही संवेदना। उनका मकसद सिर्फ सदन में हंगामा करना और अगले दिन अखबारों में छपना होता है।

उन्होंने कहा कि विपक्ष ने छात्रवृत्ति जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की, लेकिन उल्टा वो खुद ही अपने सवालों में घिर गए। उन्हें सवाल उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए था।

केंद्र सरकार पर 'सौतेले व्यवहार' का आरोप

हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर गैर-बीजेपी शासित राज्यों के साथ भेदभाव करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने हाल के इंडिगो फ्लाइट संकट का जिक्र करते हुए कहा, "एयरपोर्ट पर लाशें सड़ गईं, यात्री परेशान होते रहे, एक-एक टिकट 40-40 हजार में बिका, लेकिन केंद्र सरकार पर कोई असर नहीं हुआ। वो महंगाई जैसे मुद्दों पर भी चुप रहती है।"

"केंद्र ने स्कॉलरशिप घटाई, हमने बढ़ाई"

छात्रवृत्ति के मुद्दे पर सीएम सोरेन ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यक बच्चों की स्कॉलरशिप के बजट में 90-95% तक की भारी कटौती कर दी है। उन्होंने कहा, "एक तरफ वो बजट घटा रहे हैं, और दूसरी तरफ हमारी सरकार राज्य के बच्चों की स्कॉलरशिप कम नहीं होने देगी।"

इसके साथ ही उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि समृद्ध झारखंड के लिए 25 सालों का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। बच्चों को मुफ्त कोचिंग दी जा रही है और शिक्षकों को भी बेहतर ट्रेनिंग के लिए बड़े संस्थानों में भेजा जा रहा है।