
Up Kiran, Digital Desk: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब देश उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारी में है, जिसकी मतदान तिथि 9 सितंबर तय की गई है। नामांकन की अंतिम तिथि 21 अगस्त है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा, "श्री राधाकृष्णन ने तमिलनाडु में जमीनी स्तर पर अभूतपूर्व कार्य किया है। मुझे खुशी है कि NDA परिवार ने उन्हें गठबंधन का उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नामित करने का निर्णय लिया है। अपने विभिन्न पदों पर रहते हुए, उन्होंने हमेशा सामुदायिक सेवा और हाशिये पर पड़े लोगों को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है।"
कौन हैं CP राधाकृष्णन? क्यों बने NDA के उम्मीदवार?
सी. पी. राधाकृष्णन, जो वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद पर कार्यरत हैं, एक अनुभवी राजनेता हैं जिन्होंने राजनीति में लंबे समय तक जमीनी स्तर पर काम किया है। तमिलनाडु में उनके सामुदायिक सेवा और वंचितों के सशक्तिकरण पर विशेष जोर देने के कारण उन्हें NDA के उम्मीदवार के रूप में चुना गया है। प्रधानमंत्री मोदी के शब्दों में, उनका राजनीतिक अनुभव और सामाजिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी उन्हें इस महत्वपूर्ण संवैधानिक पद के लिए एक योग्य उम्मीदवार बनाती है।
उपराष्ट्रपति चुनाव का एजेंडा: 9 सितंबर को मतदान, 21 अगस्त तक नामांकन!
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त निर्धारित की गई है। मतदान 9 सितंबर को होगा, जिसके बाद नए उपराष्ट्रपति का चुनाव परिणाम घोषित किया जाएगा। यह चुनाव राजनीतिक गलियारों में काफी मायने रखता है, क्योंकि यह देश की सत्ता संरचना में एक महत्वपूर्ण पद है।
INDIA गठबंधन का पत्ता अभी बाकी: क्या होगा विपक्ष का उम्मीदवार?
फिलहाल, INDIA गठबंधन ने अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, न ही यह स्पष्ट किया है कि वे अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगे या नहीं। विपक्ष की इस चुप्पी के बीच, NDA द्वारा अपने उम्मीदवार की घोषणा को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम के तौर पर देखा जा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्षी गठबंधन इस मुकाबले को कैसे देखता है और क्या वे कोई मजबूत उम्मीदवार खड़ा करते हैं।
यह उपराष्ट्रपति चुनाव NDA की राजनीतिक रणनीति और सी. पी. राधाकृष्णन के राजनीतिक भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
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