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Up Kiran, Digital Desk: महिला वनडे वर्ल्ड कप से ठीक पहले दक्षिण अफ्रीका की टीम नए कोच मैंडला माशिम्बी के साथ मैदान में उतर रही है। पिछले एक साल में टीम का प्रदर्शन मिला-जुला रहा है, लेकिन टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो पिछले दो टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में टीम को ले जाने में अहम भूमिका निभा चुके हैं। इसी वजह से, टीम के अंदर एक उम्मीद है कि वे इस बड़े टूर्नामेंट में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे।

दक्षिण अफ्रीका की पूर्व क्रिकेटर और मौजूदा अंडर-19 महिला टीम की कोच, दिनेशा देवनारायण ने टीम की तैयारियों और वर्ल्ड कप में उसकी संभावनाओं पर खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:

सवाल: क्या आपको लगता है कि दक्षिण अफ्रीका के पास खिताब जीतने के लिए पर्याप्त गहराई है?

जवाब: हाँ, मुझे लगता है कि इस वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका के पास वास्तव में अच्छे मौके हैं। हमने टी20 वर्ल्ड कप में काफी सफलता हासिल की है, और हम उस आत्मविश्वास को लंबे फॉर्मेट में बड़े मैच जीतने के लिए इस्तेमाल करेंगे। अगर आप टीम के संतुलन को देखें, तो गहराई काफी है।

बल्लेबाजी लाइनअप काफी मजबूत है, लेकिन गेंदबाजी में शायद एक स्पिनर की कमी महसूस हो। फिर भी, कुल मिलाकर टीम में काफी संतुलन और अनुभव है, और उम्मीद है कि वे वर्ल्ड कप जीतने के सफर पर आगे बढ़ेंगे।

सवाल: ICC टूर्नामेंटों में दक्षिण अफ्रीका का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहा है। क्या सेमीफाइनल तक पहुंचना एक वास्तविक लक्ष्य होगा?

जवाब: मुझे लगता है कि पहला लक्ष्य तो सेमीफाइनल में जगह बनाना होगा, और मुझे लगता है कि हम इसके लिए अच्छी स्थिति में हैं। इसके बाद हम फाइनल में पहुंचना चाहेंगे। सेमीफाइनल में हमारा सामना किसी से भी हो, हमें अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाना होगा।

मैं जानती हूं कि अभी हमें कोई फेवरेट नहीं मान रहा है और हमें इस टूर्नामेंट का 'डार्क हॉर्स' (छुपा रुस्तम) समझा जा रहा है, लेकिन टीम ने पहले भी दिखाया है कि वे सेमीफाइनल जैसे बड़े मैच जीतकर फाइनल में पहुंच सकते हैं। बस दबाव में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत है, जो एक बड़ी चुनौती होगी।

सवाल: स्पिन गेंदबाजी को लेकर कितनी चिंता है, क्योंकि नॉनकुलुलेको म्लाबा के अलावा ज्यादा विकल्प नहीं हैं?

जवाब: म्लाबा को स्पिन अटैक की अगुवाई करनी होगी। खासकर टूर्नामेंट के बाद के मैचों में जब पिचें थोड़ी धीमी हो जाएंगी, तो उनकी भूमिका बहुत अहम होगी। लेकिन वनडे वर्ल्ड कप जैसे 50 ओवर के खेल में सिर्फ एक स्पिनर पर बहुत ज्यादा जिम्मेदारी आ जाएगी।

इसलिए मैं उम्मीद कर रही हूं कि नोंडुमिसो शंगासे, क्लो ट्रायॉन और सुने लूस जैसी खिलाड़ी भी उनका साथ देंगी। वैसे भी, दक्षिण अफ्रीकी टीम अपनी तेज गेंदबाजी पर बहुत ज्यादा निर्भर करती है। उम्मीद है कि हम नई गेंद का पूरा फायदा उठाएंगे ताकि स्पिनर बीच के ओवरों में अपना योगदान दे सकें।

सवाल: क्या तेज गेंदबाजी विभाग भी एक चिंता का विषय है?

जवाब: मारिजैन कैप हमारे लिए बहुत अहम भूमिका निभाती हैं। हो सकता है कि उन्हें उतने विकेट न मिले हों, लेकिन वह एक क्वालिटी परफॉर्मर हैं और बड़े मैचों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना जानती हैं।

उनके साथ अयाबोंगा खाका, एनेरी डेर्कसेन और नाडिन डी क्लार्क हैं। मुझे लगता है कि इस पेस अटैक में नाडिन 'डार्क हॉर्स' साबित हो सकती हैं। जिस तरह से वह गेंदबाजी करती हैं, उनके वेरिएशन्स और काबिलियत तेज गेंदबाजी आक्रमण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

सवाल: खासकर 250 से ज्यादा के लक्ष्य का पीछा करते हुए, वोल्वार्ड्ट और ब्रिट्स की ओपनिंग जोड़ी कितनी अहम होगी?

जवाब: लॉरा (वोल्वार्ड्ट) और टैज़मिन (ब्रिट्स) हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण रही हैं। वे बड़ी पारियां खेल रही हैं, और जब वे दोनों अच्छी शुरुआत देती हैं, तो हम 300 का स्कोर बना सकते हैं। असली चिंता मिडिल ऑर्डर को लेकर है - हम बीच के ओवरों को कैसे मैनेज करते हैं? इस पर हमें थोड़ा और स्मार्ट होना होगा।

मिडिल ऑर्डर में मारिजैन कैप, नाडिन डी क्लार्क और सुने लूस को जिम्मेदारी लेनी होगी। सिर्फ ओपनर्स पर निर्भर रहना ठीक नहीं होगा।

सवाल: जिन मैदानों पर मैच होने हैं, वहां ज्यादा अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट नहीं हुआ है। यह कितना बड़ा फैक्टर होगा?

जवाब: हमें हालात के मुताबिक खुद को जल्दी से ढालना होगा। मैदानों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, इसलिए पहले कुछ ओवरों में ही समझना होगा कि यहां कितना स्कोर सुरक्षित रहेगा। कप्तान, खिलाड़ी और कोच के बीच लगातार बातचीत बहुत जरूरी होगी। हमें प्लान A के साथ-साथ प्लान B, C और D भी तैयार रखने होंगे।

सवाल: क्या मौजूदा टीम ऑस्ट्रेलिया और भारत जैसी टीमों को टक्कर दे सकती है?

जवाब: अगर आप पिछले 12 महीनों को देखें, तो वनडे में हमारा जीत का प्रतिशत 50% रहा है। इसलिए यह ऐसा फॉर्मेट नहीं है जिसमें हम बहुत मजबूत हों। हालांकि, टीम में अनुभव की कोई कमी नहीं है। कैप, वोल्वार्ड्ट, लूस, ट्रायॉन, डी क्लार्क और खाका जैसे खिलाड़ी लंबे समय से खेल रहे हैं।

अब बस एक यूनिट के तौर पर एक साथ आने की जरूरत है और यह विश्वास होना चाहिए कि हम किसी भी दिन किसी को भी हरा सकते हैं। हमारा पहला मैच इंग्लैंड से है, और हम जानते हैं कि वे किस तरह का क्रिकेट खेल रहे हैं। हमें बस अपनी काबिलियत पर भरोसा करना होगा।