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Up Kiran, Digital Desk: आजकल कई भारतीय युवा बेहतर जीवन और करियर की तलाश में विदेश का रुख करते हैं। 'पश्चिमी देशों में बसने का सपना' एक आम बात है, जहां व्यवस्थित जीवन और बेहतर सुविधाएं मिलती हैं। लेकिन क्या यह सपना हमेशा खुशियों से भरा होता है? एक भारतीय टेक वर्कर ने 10 साल कनाडा में बिताने के बाद इसी सवाल का जवाब ढूंढा है और उसका फैसला कई लोगों को चौंका रहा है।

कनाडा ने दी 'स्थिरता', पर 'जिंदगी' नहीं!

कनाडा में लगभग एक दशक बिताने वाले इस भारतीय इंजीनियर ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया है कि कैसे कनाडा ने उन्हें वित्तीय स्थिरता, शांति और व्यवस्थित जीवन तो दिया, लेकिन उन्हें हमेशा कुछ कमी महसूस होती रही। उन्हें लगा कि वहां 'असली जिंदगी' नहीं है, वो भारतीयपन गायब था। उन्हें अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखते हुए कहा, "कनाडा ने मुझे स्थिरता दी, लेकिन 'जिंदगी' नहीं।"

10 ट्रिप और 'असली भारत' की पुकार:

इन 10 सालों में उन्होंने 10 बार भारत की यात्रा की। हर यात्रा ने उन्हें अपनी जड़ों से और गहराई से जोड़ा। उन्हें भारत की वो अराजक लेकिन जीवंत ऊर्जा महसूस हुई, जिसकी कमी उन्हें कनाडा में खल रही थी। उन्होंने महसूस किया कि भारत की वो चहल-पहल, वो इंसानी रिश्ता, वो भावनात्मक गहराई और वो खुलापन ही असली जिंदगी है, भले ही उसमें थोड़ी अव्यवस्था क्यों न हो।

उन्हें अपने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट में लिखा है, "मुझे एक एहसास हुआ कि भारत में सब कुछ 'अव्यवस्थित' और 'अराजक' भले ही लगता हो, लेकिन वही 'असली' है।" उन्हें अब भारत की 'चहल-पहल भरी अराजकता' से एक अटूट लगाव हो गया है।

'पश्चिमी सपने' से मोहभंग और घर वापसी का संकल्प:

कई भारतीय जो विदेश में रहते हैं, वे अक्सर अपने देश की संस्कृति, त्यौहारों, पारिवारिक रिश्तों और सामुदायिक जीवन को याद करते हैं। इस इंजीनियर ने भी यही महसूस किया। उन्हें पश्चिमी जीवनशैली की शांति और व्यवस्था तो मिली, लेकिन भावनात्मक रूप से उन्हें खालीपन महसूस होता रहा।

इसी एहसास के बाद उन्होंने 'पश्चिमी सपने' को छोड़कर भारत लौटने का संकल्प लिया है। उनकी कहानी उन हजारों भारतीयों की है जो पश्चिमी देशों में तो बस जाते हैं, लेकिन अपनी मिट्टी, अपने रिश्तों और अपने देश की 'आत्मा' को मिस करते हैं। यह एक दिलचस्प कहानी है जो बताती है कि भौतिक सुख-सुविधाओं से बढ़कर, अपनी जड़ों से जुड़ाव और अपनी संस्कृति में जीना कितना मायने रखता है। यह एक ऐसी वापसी है जो दिल से की जा रही है, न कि मजबूरी में।

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