Up Kiran, Digital Desk: जब भी कैंसर की बात होती है तो हमारा ध्यान अक्सर ब्रेस्ट या लंग कैंसर की तरफ जाता है। लेकिन एक और तरह का कैंसर है जो भारत में महिलाओं को चुपचाप अपनी चपेट में ले रहा है - वह है गायनोकॉलोजिकल कैंसर। यह सिर्फ़ एक बीमारी नहीं है, बल्कि बीमारियों का एक समूह है, जिसमें गर्भाशय (Uterine), अंडाशय (Ovarian), गर्भाशय ग्रीवा (Cervical), योनि (Vaginal) और योनिमुख (Vulvar) के कैंसर शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि इन कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इसके पीछे की एक बड़ी वजह इलाज की कमी नहीं, बल्कि जानकारी और जागरूकता की कमी है। भारत में आज भी महिलाएं अपने reproductive health यानी प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं पर बात करने में झिझकती हैं और इसी चुप्पी का फ़ायदा ये बीमारियाँ उठाती हैं।
क्यों बढ़ रहे हैं ये मामले और क्या हैं संकेत?
आज की बदलती जीवनशैली, देर से शादी और पहला बच्चा, मोटापा और खानपान की गलत आदतें इन कैंसर के ख़तरे को बढ़ा रही हैं। सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इनके शुरुआती लक्षण बहुत ही सामान्य होते हैं, जिन्हें महिलाएं अक्सर 'छोटी-मोटी समस्या' समझकर नज़रअंदाज़ कर देती हैं।
इन लक्षणों पर दें ध्यान
अगर इनमें से कोई भी लक्षण आपको दो हफ़्तों से ज़्यादा समय तक महसूस हो रहा है, तो शर्म और झिझक छोड़कर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना बेहद ज़रूरी है।
शर्म और झिझक इलाज से बड़ी बाधा
भारत में आज भी गायनोकॉलोजिकल स्वास्थ्य एक ऐसा विषय है, जिस पर खुलकर बात नहीं होती। महिलाएं डॉक्टर के पास जाने से सिर्फ़ इसलिए कतराती हैं क्योंकि उन्हें अपनी समस्या बताने में शर्म आती है या वे किसी पुरुष डॉक्टर को दिखाने में असहज होती हैं। यह सामाजिक और सांस्कृतिक बाधा बीमारी को अंदर ही अंदर बढ़ने का मौका दे देती है और जब तक महिलाएं डॉक्टर के पास पहुंचती हैं, तब तक कैंसर अक्सर एडवांस स्टेज में पहुँच चुका होता है, जहाँ इलाज मुश्किल हो जाता है।
सिर्फ़ दवा नहीं, जागरूकता है असली इलाज
गायनोकॉलोजिकल कैंसर की लड़ाई सिर्फ़ अस्पतालों में नहीं जीती जा सकती। इसकी असली लड़ाई हमारे घरों और समाज में लड़ी जानी है, और इसका सबसे बड़ा हथियार है जागरूकता।
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि गायनोकॉलोजिकल कैंसर का अगर शुरुआती चरण में पता चल जाए तो इसका इलाज पूरी तरह संभव है। इसलिए, शरीर के संकेतों को समझें, अपनी चुप्पी तोड़ें और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें, क्योंकि आपकी जागरूकता ही आपका सबसे बड़ा बचाव है।
_1699730585_100x75.jpg)
_1304550397_100x75.png)
_372981538_100x75.png)
_1808955051_100x75.png)
