
Up Kiran, Digital Desk: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के "लोकतंत्र पर हमले" और "वोट की चोरी" वाले बयानों पर अब सियासी घमासान छिड़ गया है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी पर करारा पलटवार करते हुए कहा है कि उन्हें अपनी नेतृत्व की विफलताओं को स्वीकार करना चाहिए, न कि अपनी हार का ठीकरा देश की संवैधानिक संस्थाओं पर फोड़ना चाहिए।
रिजिजू ने कांग्रेस नेता को सलाह दी कि वे बार-बार चुनाव हारने के कारणों पर आत्ममंथन करें, बजाय इसके कि विदेशी धरती पर जाकर भारत के लोकतंत्र और संस्थानों को बदनाम करें।
रिजिजू ने क्यों किया यह तीखा हमला?
दरअसल, राहुल गांधी ने हाल ही में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एक भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि भारत में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है, विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है और उनके फोन में पेगासस स्पाइवेयर से जासूसी की गई। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत में अब सिर्फ चुनाव नहीं होते, बल्कि "वोटों की चोरी" होती है, जिसका मतलब था कि लोकतंत्र की आत्मा को खत्म किया जा रहा है।
"यह भारत के करोड़ों मतदाताओं का अपमान है"
राहुल के इसी बयान पर किरेन रिजिजू भड़क गए। उन्होंने कहा:
"यह बहुत ही बचकाना बयान है। राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि भारत के लोग उन्हें और उनकी पार्टी को बार-बार क्यों नकार रहे हैं। उन्हें अपनी लीडरशिप की कमियों को देखना चाहिए, न कि चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट जैसी संस्थाओं पर उंगली उठानी चाहिए।"
रिजिजू ने आगे कहा कि "वोट की चोरी" जैसा बयान देना सीधे तौर पर भारत के चुनाव आयोग और देश के करोड़ों मतदाताओं के फैसले का अपमान है।
विदेशी धरती पर देश को बदनाम करने का आरोप
केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर भी कड़ी आपत्ति जताई कि राहुल गांधी ने यह बातें एक विदेशी मंच पर कहीं। उन्होंने कहा, “जब भी वह विदेश जाते हैं, वह हमेशा भारत को बदनाम करने की कोशिश करते हैं। यह उनकी आदत बन गई है। उन्हें यह समझना होगा कि भारत अब उनकी 'पारिवार-parivar'िक जागीर' नहीं है।”