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Up Kiran, Digital Desk: 22 अगस्त की रात्रि चमोली जनपद के थराली क्षेत्र ने वह भयावह मंजर देखा, जिसने न केवल घर-आंगन उजड़ दिए, बल्कि लोगों की हिम्मत और जुझारूपन की भी परीक्षा ली।
उस दौर में जब लोग घरों से बाहर निकलकर किसी तरह जान बचाने की कोशिश में थे, उसी क्षण थराली के टेंट व्यापारी प्रेम बुटोला लोगों को अलर्ट करने के लिए बार-बार सीटी बजा रहे थे। लेकिन कुछ ही देर बाद वही प्रेम बुटोला अचानक आए मलबे की चपेट में आ गए और करीब 100 मीटर तक बहते चले गए।
मौत से सामना, जिंदगी से जंग
गंभीर रूप से घायल प्रेम ने अस्पताल के बिस्तर से बताया कि पैर मलबे में फंस गए थे, बाहर निकलना मुश्किल हो गया था। बड़ी मशक्कत के बाद घुटनों के बल रेंगते हुए कुछ दूरी तक आया। कीचड़ से सना होने के कारण लोग मुझे पहचान ही नहीं पाए। बाद में किसी ने पानी डालकर चेहरा साफ किया तब सबने मुझे पहचाना और इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। भगवान का शुक्र है कि बच गया।
कर्णप्रयाग उपजिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. सतेंद्र कंडारी ने कहा कि प्रेम बुटोला का प्राथमिक उपचार किया जा चुका है, लेकिन पूरी तरह स्वस्थ होने में अभी कुछ दिन लगेंगे।
थराली में तबाही का आलम
यह आपदा सिर्फ प्रेम बुटोला की कहानी तक सीमित नहीं। थराली और आसपास के इलाकों में कई मकान और दुकानें पूरी तरह तबाह हो गए हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि इस बार नुकसान सामान्य से कहीं अधिक है।
पूर्व खंड विकास अधिकारी डी.डी. कुनियाल ने चिंताजनक स्वर में कहा कि हर बार पिंडर नदी का तेज बहाव दिखता है, लेकिन इस बार पहाड़ों से फूटने वाले गदेरों ने जो तबाही मचाई है, उसने लोगों का दिल दहला दिया है।
गांव के आनंद सिंह और सुरेशानंद जोशी अपनी दुकानों को जांचने थराली पैदल ही पहुंचे। उनका कहना है कि गदेरों ने इस बार कई मकान और दुकानें एक झटके में खत्म कर दीं। हालात देखकर लगता है कि लोगों को फिर से जीरो से जीवन शुरू करना होगा।
प्रशासन की तत्परता
थराली थानाध्यक्ष पंकज कुमार के नेतृत्व में पुलिस के अधिकारी और जवान लगातार राहत व बचाव कार्यों में जुटे हैं। वहीं एसडीएम थराली ने समय रहते लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी देकर कई जिंदगियां बचा लीं।
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