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Up Kiran, Digital Desk: साल 2019 की वो गर्मियां चेन्नई का कोई भी नागरिक शायद ही कभी भूल पाएगा। सूखे नल, खाली बाल्टियां और पानी के टैंकरों के पीछे लगी लंबी-लंबी कतारें... यह उस शहर की हकीकत थी जो पानी की भयानक कमी से जूझ रहा था। लेकिन कहते हैं, हर संकट एक नया सबक सिखाता है। चेन्नई ने उस संकट से सबक लिया है और अब भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न पैदा हो, इसके लिए एक बहुत बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है।

तमिलनाडु सरकार ने चेन्नई के लिए 14,000 करोड़ रुपये की एक विशाल जल भंडारण विस्तार योजना का अनावरण किया है। यह कोई छोटा-मोटा प्रोजेक्ट नहीं है, बल्कि शहर की पानी की पूरी तस्वीर को हमेशा के लिए बदल देने वाली एक दूरदर्शी पहल है।

क्या है इस मेगा प्लान में: इस योजना का मकसद एक ही है - पानी की हर एक बूंद को सहेजना और शहर की भंडारण क्षमता को कई गुना बढ़ाना। इसके लिए दो स्तरों पर काम किया जाएगा:

मौजूदा जलाशयों का विस्तार: चेन्नई को पानी की सप्लाई करने वाले मुख्य जलाशय जैसे कि रेड हिल्स, पूंडी, चेंबरमबक्कम और चोणावरम, इनकी क्षमता को और बढ़ाया जाएगा। इन्हें और गहरा किया जाएगा और इनके दायरे को बड़ा किया जाएगा ताकि ये पहले से कहीं ज्यादा पानी जमा कर सकें।

नए जलाशयों का निर्माण: इसके अलावा, शहर के आसपास तीन जगहों - रामलिंगपुरम, कंडिगई और थिरुनिनरावुर में बिलकुल नए और बड़े जलाशयों का निर्माण किया जाएगा। ये नए जलाशय बारिश के उस पानी को स्टोर करेंगे जो अक्सर बहकर समुद्र में बर्बाद हो जाता है।

यह पूरी योजना मशहूर "सिंगारा चेन्नई 3.0" पहल का एक हिस्सा है, जिसका लक्ष्य चेन्नई को सिर्फ एक सुंदर ही नहीं, बल्कि एक टिकाऊ और आत्मनिर्भर शहर बनाना है।

इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि चेन्नई की बढ़ती आबादी और औद्योगिक जरूरतों के लिए भविष्य में कभी भी पानी की कमी न हो। यह एक ऐसा निवेश है जो आने वाली पीढ़ियों को पानी के संकट से बचाएगा।