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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम के बयान ने देश की राजनीति में भूचाल ला दिया है। उन्होंने हालिया बयान में कहा कि अभी तक इस बात के स्पष्ट प्रमाण नहीं हैं कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है।
इस बयान को लेकर न केवल सत्ताधारी बीजेपी ने कड़ा विरोध जताया है, बल्कि चौंकाने वाली बात यह रही कि विपक्षी दलों के कई नेताओं ने भी चिदंबरम की आलोचना की है।
बीजेपी ने कहा कि जब सुरक्षा एजेंसियां इस हमले में पाकिस्तान की भूमिका की जांच कर रही हैं, तब ऐसे बयान आतंकियों का मनोबल बढ़ा सकते हैं। वहीं विपक्ष के कई नेताओं ने भी इस बयान को “अविवेकपूर्ण” और “राजनीतिक रूप से नुकसानदायक” करार दिया।
कांग्रेस पार्टी ने इस बयान से खुद को अलग करते हुए कहा कि यह चिदंबरम की व्यक्तिगत राय है, न कि पार्टी की आधिकारिक सोच। कांग्रेस प्रवक्ता ने साफ किया कि पार्टी आतंकवाद पर कड़ा रुख रखती है और सुरक्षा एजेंसियों पर भरोसा करती है।
एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भी चिदंबरम के बयान पर असहमति जताते हुए कहा कि ऐसे संवेदनशील मामलों पर बयान देने से पहले पूरी जानकारी का इंतजार करना चाहिए।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस तरह के बयान चुनावी माहौल में विपक्ष की छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अब सबकी नजर कांग्रेस पर है कि वह चिदंबरम से कोई स्पष्टीकरण मांगती है या नहीं।
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