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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय चुनाव आयोग ने शिरोमणि अकाली दल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों के बाद पंजाब के डीजीपी गौरव यादव को 25 नवंबर को तलब किया है। डीजीपी को दिल्ली कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया गया है। आपको बता दें कि तरनतारन चुनाव प्रचार के दौरान शिरोमणि अकाली दल द्वारा अपने कार्यकर्ताओं के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की शिकायतों के बाद यह कार्रवाई की गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, पंजाब के डीजीपी गौरव यादव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया गया है। चुनाव आयोग ने चुनाव के तहत की गई शिकायतों के संबंध में रिपोर्ट मांगी थी। आपको बता दें कि पंजाब के डीजीपी गौरव यादव पर झूठी एफआईआर दर्ज करने का आरोप लगाया गया था।

गौरतलब है कि शिरोमणि अकाली दल ने कल भारतीय चुनाव आयोग से तरनतारन निर्वाचन क्षेत्र में अकाली कार्यकर्ताओं के विरुद्ध झूठी एफआईआर दर्ज करने और राजनीतिक प्रतिशोध के कारण उनकी गिरफ्तारी की शिकायत की थी और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। चुनाव आयोग को दी गई लिखित शिकायत में पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा था कि अकाली दल दो डीएसपी और एक एसएचओ का तबादला करने और एसएसपी को निलंबित करने के लिए चुनाव आयोग का आभारी है। हालाँकि, आयोग की इस कार्रवाई के बावजूद, राज्य सरकार अकाली कार्यकर्ताओं को परेशान करना जारी रखे हुए है।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का तबादला और निलंबन करने के बाद, सत्तारूढ़ दल ने इसे एक चुनौती के रूप में लिया और उन अकाली नेताओं को निशाना बनाया जो उसके दबाव में नहीं आए। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद, अकाली नेताओं के विरुद्ध झूठी एफआईआर दर्ज की गईं और नेताओं को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसी ही एक एफआईआर संख्या 0261 दिनांक 15.11.2025 को बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत तरनतारन सिटी पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी।

इसके साथ ही, अन्य अकाली नेताओं के विरुद्ध दर्ज एफआईआर का उल्लेख करते हुए, डॉ. चीमा ने चुनाव आयोग से चुनाव पर्यवेक्षक के माध्यम से परिणामों के बाद दर्ज एफआईआर की निष्पक्ष जांच के आदेश देने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग में जनता का विश्वास बहाल करने के लिए सख्त कार्रवाई जरूरी है, अन्यथा इसकी बदनामी होगी।