Up Kiran, Digital Desk: मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। जिले के हनुमना जनपद के ग्राम देवरा में एक 5 महीने के बच्चे की मौत मेडिकल स्टोर में इलाज के दौरान हो गई। दुकानदार द्वारा बिना डॉक्टर की पर्ची के गलत दवा देने से बच्चे की स्थिति बिगड़ी और थोड़ी देर में उसकी जान चली गई।
क्या था पूरा मामला?
गांव की रहने वाली श्वेता यादव ने अपने बेटे दुर्गेश यादव की तबियत खराब होने पर 1 अक्टूबर को खटखरी स्थित विनोद मेडिकल स्टोर पर स्थित क्लीनिक का रुख किया। यहां पर बच्चे को बिना किसी डॉक्टर की पर्ची के तीन अलग-अलग सिरप दवाएं दी गईं। दवाएं लेने के कुछ ही मिनटों बाद बच्चे की हालत गंभीर हो गई और उसने दम तोड़ दिया।
"झोलाछाप डॉक्टर" का खतरनाक खेल
मऊगंज के कस्बाई इलाकों में एक समस्या काफी आम है, जहां गरीब परिवारों के लोग झोलाछाप डॉक्टरों के पास इलाज के लिए जाते हैं। ये डॉक्टर अक्सर बिना किसी मेडिकल प्रशिक्षण के इलाज करते हैं और इसके परिणामस्वरूप कई बार मरीजों की जान पर बन आती है। ऐसी ही एक घटना ने मऊगंज में एक परिवार को हमेशा के लिए खो दिया।
मेडिकल स्टोर में क्या हुआ?
मेडिकल स्टोर के संचालक की बजाय क्लीनिक में उसका बेटा मौजूद था। इसके बाद बच्चे को तीन सिरप दवाएं दी गईं। दवाओं के सेवन के बाद बच्चा अचानक गंभीर रूप से बीमार हो गया और उसकी मौत हो गई। यह तो साफ है कि यहां इलाज के लिए कोई योग्य डॉक्टर नहीं था, और ना ही जांच की कोई सुविधा उपलब्ध थी।
प्रशासन की सख्त कार्रवाई
घटना के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए दुकानदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। कलेक्टर संजय कुमार जैन ने बताया कि दुकानदार जितेंद्र कुमार गुप्ता ने बिना डॉक्टर की पर्ची के दवा दी थी, जिसे गंभीर लापरवाही मानते हुए मेडिकल स्टोर को सील कर दिया गया है। साथ ही, पुलिस ने आरोपी दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
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