
7 वर्षीय सुधीर कई दिनों से मूत्र विसर्जन करते वक्त दर्द से पीड़ित था। समस्या ज्यादा बढ़ने पर डॉक्टर ने कई टेस्ट किए। जिसमें सुधीर के गुर्दे में पथरी होने का पता चला था। इतनी कम उम्र में पथरी होने से उसके माता-पिता भी चिंतित थे। ऐसे में सुधीर को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां सर्जरी कर उनकी पथरी को निकाला गया। डॉक्टरों का कहना है कि जो बीमारियां पहले बुढ़ापे में होती थीं, वे अब कम उम्र में भी हो रही हैं। इनमें हृदय रोग और मधुमेह बहुत आम हैं, मगर अब किडनी स्टोन की समस्या बच्चों से लेकर 20-22 साल के लोगों को भी हो रही है।
डॉक्टरों के अनुसार किडनी स्टोन की समस्या 10 से 12 साल के बच्चों में भी देखी जाती है। ऐसा खान-पान की गलत आदतों के कारण हो रहा है। दुनियाभर में बच्चों में किडनी की बीमारियों में भी करीब 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। दरअसल, किडनी में लगातार रसायनों के जमा होने से पथरी बन जाती है, जिसे सर्जरी के बाद निकालना पड़ता है। पाचन संबंधी समस्या न होने और परिवार के किसी सदस्य को यह बीमारी न होने के बावजूद बच्चे किडनी स्टोन की बीमारी से ग्रसित हो चुके हैं। मोटापा, डिहाइड्रेशन, गलत खान-पान की वजह से यह समस्या बढ़ती जा रही है।
डॉ. वहीद के मुताबिक, छोटी-छोटी पथरी पेशाब के जरिए निकल जाती है, मगर अगर पथरी बड़ी हो जाए, तो उसे ऑपरेशन कर निकालना पड़ता है।
गुर्दे की पथरी को रोकने के उपाय जानें
- दिन भर में खूब सारे तरल पदार्थ पिएं
- खाने में नमक सीमित करें।
- ज्यादा से ज्यादा फल खाएं खासकर खट्टे फल
- मीट, प्रोसेस्ड फूड, फास्ट फूड, सोडा आदि कम खाएं।
- उच्च फ्रुक्टोज सामग्री वाले खाद्य पदार्थों और पेय से बचें
- वजन नियंत्रण में रखें
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