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Unified Payment Interface यानी UPI प्लेटफॉर्म भारत द्वारा बनाया गया है। वर्तमान में इसके माध्यम से अरबों डॉलर का ट्रांजेक्शन होता है। भारत ने UPI को सही तरीके से लागू किया है। इस वजह से UPI अब विश्व के मुल्कों की ईर्ष्या बन गया है। अमेरिका, चीन जैसे मुल्कों के पास भी ऐसा सिस्टम नहीं है, पाकिस्तान भी भारत से UPI सिस्टम खरीदने को बेताब है।

UPI का पूरा सिस्टम भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा डिज़ाइन किया गया है। RBI की देखरेख में लागू किया गया। इस UPI पेमेंट की असली जरूरत कोरोना काल में महसूस हुई। लोगों को रुपए निकालने के लिए बैंक नहीं जाना पड़ता था और न ही उन्हें अग्रिम भुगतान करना पड़ता था। एक बार कोड स्कैन हो जाने के बाद दुकानदार को पैसे भेजे जा सकते थे। यहां तक ​​कि यदि इस शहर से उस शहर में अचानक पैसों की जरूरत पड़ जाए तो भी सेकेंडों में रुपए भेजा जा सकता है। जब प्रतिबंधों की बात आई तो रूस के पास ऐसी प्रणाली का अभाव था।

फिलहाल भारत ही नहीं, बल्कि भूटान, यूएई, श्रीलंका सहित कई मुल्क UPI के जरिए पेमेंट कर रहे हैं। इसके साथ ही कनाडा समेत करीब 12 देशों में UPI पेमेंट की शुरुआत की गई है। इसे बैंकिंग जगत में गेम चेंजर के तौर पर देखा गया। यहां तक ​​कि यूएसए और चीन के पास भी भारत की UPI आधारित भुगतान तकनीक की तरह सफल UPI प्रणाली नहीं है। यहां तक ​​कि स्वयं अमेरिकी भी यूएस UPI भुगतानों का इस्तेमाल नहीं करते हैं। चीन का यही हाल है। इसलिए भारतीय UPI हर दिन नए रिकॉर्ड बना रहा है।

 

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