
Up Kiran, Digital Desk: भारत और चीन के बीच दशकों पुराना सीमा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। चीन ने हाल ही में इस सीमा विवाद को 'जटिल' बताया है, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि वह सीमांकन वार्ता (delimitation talks) के लिए 'खुला' है। यह बयान दोनों देशों के बीच तनाव कम करने और समाधान खोजने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है।
भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कई बार सैन्य गतिरोध देखा गया है, जिससे दोनों देशों के संबंधों में खटास आई है। चीन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए दोनों देशों के बीच कई स्तरों पर बातचीत जारी है।
चीन के बयान के मायने:
जटिलता की स्वीकारोक्ति: चीन ने खुद माना है कि यह विवाद आसान नहीं है, जो इसकी संवेदनशीलता को दर्शाता है।
वार्ता के लिए खुलापन: सीमांकन वार्ता का प्रस्ताव एक सकारात्मक संकेत है। सीमांकन का अर्थ है सीमा को स्पष्ट रूप से निर्धारित करना और चिन्हित करना, जिससे भविष्य के विवादों को कम किया जा सके।
विश्वास बहाली: यह कदम दोनों देशों के बीच कुछ हद तक विश्वास बहाल करने में मदद कर सकता है।
अतीत में भी ऐसे कई प्रस्ताव आए हैं, लेकिन ठोस प्रगति धीमी रही है। भारत हमेशा से स्पष्ट और निश्चित सीमांकन का पक्षधर रहा है। अब देखना यह होगा कि चीन के इस बयान के बाद बातचीत किस दिशा में आगे बढ़ती है और क्या दोनों देश इस जटिल मुद्दे का स्थायी समाधान ढूंढ पाते हैं। यह दोनों एशियाई दिग्गजों के बीच संबंधों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा।
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