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Up Kiran, Digital Desk: पूर्वी एशिया में हाल के दिनों में सैन्य गतिविधियों में तेज़ी आ गई है। चीन ने ताइवान के आसपास अपनी सेनाओं की मौजूदगी को अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ा दिया है, जिससे इलाके में युद्ध की आशंका और गहरी हो गई है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने चीन के इस कदम को क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती बताया है। चीन ने ताइवान के समुद्री और हवाई क्षेत्रों के पास अपनी नौसेना और वायुसेना को सक्रिय कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप ताइवान ने अपनी सुरक्षा बढ़ा दी है।

चीन की सैन्य घेराबंदी: ताइवान को खतरा

ताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, बुधवार की सुबह 6 बजे तक चीन के 77 सैन्य विमान और 17 युद्धपोत ताइवान के नजदीक देखे गए। इनमें से 35 चीनी लड़ाकू विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य की संवेदनशील मध्य रेखा पार की, जो सीधे ताइवान की संप्रभुता को चुनौती देता है। यह घटना चीन द्वारा ताइवान के खिलाफ आक्रामक रणनीति के एक और संकेत के रूप में देखी जा रही है।

ताइवान की सैन्य प्रतिक्रिया: स्थिति पर निगरानी

ताइवान ने इन गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी और अपनी सेनाओं को तैयार रखा। ताइवान के रक्षा मंत्री वेलिंगटन कू ने इन चीनी गतिविधियों को “उत्तेजक और खतरनाक” बताते हुए कहा कि इससे न केवल इलाके की शांति को खतरा है, बल्कि सामान्य नागरिक हवाई और समुद्री यातायात भी प्रभावित हो सकता है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि ताइवान अपनी सुरक्षा को लेकर सतर्क है, लेकिन किसी भी प्रकार की आवश्यकता होने पर सैन्य कार्रवाई करने के लिए तैयार है।

'जस्टिस मिशन 2025': चीन का बड़ा सैन्य अभ्यास

इस घटनाक्रम को चीन के 'जस्टिस मिशन 2025' नामक सैन्य अभ्यास से जोड़ा जा रहा है। यह एक बड़ा संयुक्त अभ्यास है जिसमें चीन की थलसेना, नौसेना, वायुसेना और रॉकेट फोर्स शामिल हैं। यह अभ्यास ताइवान के निकट किया जा रहा है और इसे चीन की सेना की ताइवान के खिलाफ रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। इससे पहले ताइवान ने 130 चीनी विमान और 14 युद्धपोतों की गतिविधियों को भी नोट किया था।