पाकिस्तान के आर्थिक संकट के करीबी सहयोगी चीन से भी रिश्ते खराब हुए हैं। पाकिस्तान ने चीन से स्पष्ट शब्दों में कहा है कि वह पहले चीनी नागरिकों की सुरक्षा के बदले फंड मुहैया कराए। वास्तव में हजारों चीनी नागरिक वर्तमान में सीपीईसी परियोजना (पाकिस्तान और चीन के बीच एक संयुक्त परियोजना) के अंतर्गत पाकिस्तान में हैं। पाकिस्तान फिलहाल अपनी सुरक्षा के लिए निजी सुरक्षा एजेंसियों की सहायता ले रहा है। इसका खामियाजा पाकिस्तानी सरकार भुगत रही है। अब यह खर्च पाकिस्तान सरकार ने वहन किया है।
पाक ने दिया करारा जवाब
चीन द्वारा पाकिस्तान को बिना शर्त भुगतान करने से इनकार करने के बाद पाकिस्तान ने करारा जवाब दिया है। पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इसीलिए चीन ने अब बिना किसी शर्त के आर्थिक सहायता देने से इनकार कर दिया है। बीते कई दिनों से पाकिस्तान में चीनी लोगों पर हमले की खबरें आ रही हैं। चीन ने वित्तीय सहायता के मामले में हाथ उठाते हुए कहा है कि पाकिस्तान को कर्ज लेने के लिए आईएमएफ से सहायता लेनी चाहिए। चीन ने यह भी सलाह दी है कि इस पैसे को लेते समय अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा निर्धारित नियमों और शर्तों को माना जाना चाहिए।
पाक के पंजाब प्रांत की सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से कहा है कि चीनी नागरिकों पर हमलों के मद्देनजर चीन पाकिस्तान में निजी सुरक्षा एजेंसियों की सहायता ले सकता है। सरकारी एजेंसियों का यह भी कहना है कि बलूच विद्रोही चीनी नागरिकों पर लगातार हमले करते रहते हैं। गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान में रह रहे नागरिकों को अपने खर्चे पर ए-ग्रेड निजी सुरक्षा की व्यवस्था करने का निर्देश जारी किया है. पंजाब प्रांत में गृह मंत्रालय और पुलिस की एक बैठक में सरकार के साथ काम करने वाले चीनी नागरिकों के एक समूह के रूप में ये सुझाव आए।
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