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भारत के पड़ेस में चीनी ड्रैगन ने एक बार फिर से खतरे की घंटी बजा दी है। चीन ने एक बार फिर से नेपाल पर दबाव डाला है कि वह राष्ट्रपति शी जिंगपिंग के ग्लोबल सिविलाइजेशन में शामिल हो।

चीन का दावा है कि ग्लोबल सिविलाइजेशन चीन सरकार ने मानवता के साथ मिलकर के सभ्यता के मूल्यों को समृद्ध करने के लिए क्या है?

दरअसल चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग पिछले एक दशक में ग्लोबल डिवलप मिंट इनिशिएटिव, ईएसआई और हाल ही में GCI को शुरू किया है। शी जिनपिंग ने वैश्विक समुदाय से अपील की है कि वह इनमें शामिल हो।

वहीं इन सभी चीन के कदमों को लेकर के विशेषज्ञ गंभीर सवाल उठा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका ने चीन को घेरने के लिए क्वार्ट का गठन किया है। इसमें भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं।

अब क्वार्ट से घबराए चीन के राष्ट्रपति ने ग्लोबल सिक्युरिटी इनिशिएटिव शुरू किया है। इसे चीन का नाटो कहा जा रहा है। चीन चाहता है कि नेपाल भी इसमें शामिल हो। जिससे अमेरिका और भारत जैसे देशों पर वक्त आने पर कड़ा प्रहार किया जासके।

 

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