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Up Kiran, Digital Desk: क्या सिर्फ एक सरकारी स्कीम किसी देश की पूरी ऑनलाइन बिक्री की तस्वीर बदल सकती है। अगर आप चीन की हालिया रिपोर्ट्स पर नज़र डालें, तो जवाब है – हां, बिल्कुल।
साल 2025 की शुरुआत के पहले चार महीनों में चीन ने डिजिटल प्रोडक्ट्स की ऑनलाइन बिक्री के जो आंकड़े दर्ज किए हैं, वो ग्लोबल ई-कॉमर्स सेक्टर के लिए एक अलार्म और अवसर दोनों हैं।
चार महीने में 17 खरब की बिक्री
चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने पुष्टि की है कि जनवरी से अप्रैल 2025 के बीच देश ने लगभग 20 बिलियन डॉलर यानी 17,03,42,37,12,000 रुपये के डिजिटल प्रोडक्ट्स ऑनलाइन बेच दिए हैं। इसमें मुख्य रूप से स्मार्टफोन, टैबलेट्स, स्मार्टवॉच और रिस्टबैंड्स जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स शामिल हैं।
सिर्फ बिक्री ही नहीं, खरीददारों की संख्या भी चौंकाने वाली है
48 मिलियन (4.8 करोड़) से अधिक उपभोक्ताओं ने इस योजना का लाभ उठाया। 51.48 मिलियन डिजिटल प्रोडक्ट्स की बिक्री दर्ज की गई।
क्या है इस डिजिटल उछाल के पीछे की असली वजह
चीन सरकार ने एक क्रांतिकारी योजना लागू की है जिसमें 6000 युआन (लगभग 71,000 रुपए) तक के डिजिटल प्रोडक्ट्स पर 15% तक सब्सिडी दी जा रही है। यह स्कीम घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स दोनों पर लागू है यानी Apple से लेकर Xiaomi तक, सब शामिल हैं। 2024 में जहां केवल 8 प्रोडक्ट्स थे 2025 में 12 डिवाइसेज़ इस स्कीम में शामिल कर दिए गए।
अब चीन का उपभोक्ता वर्ग पहले की तुलना में ज्यादा टेक-सैवी है। और जब उन्हें स्मार्टफोन या टैबलेट पर सरकारी छूट भी मिल रही है, तो खरीदारी का मन बनाना आसान हो गया है।
कोविड के बाद से चीन में फिजिकल स्टोर्स की जगह ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स ने कब्जा जमा लिया है। JD.com, Alibaba और Pinduoduo जैसे प्लेटफॉर्म्स सब्सिडी स्कीम का मुख्य लाभ उठाने वाले मंच बन चुके हैं।
कौन से प्रोडक्ट्स सबसे ज्यादा बिके
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कम्युनिकेशन अप्लायंसेज (स्मार्टफोन, टैबलेट, वॉच, बैंड) की बिक्री में पिछले साल की तुलना में 25.4% की बढ़ोतरी हुई। ये कंज़्यूमर गुड्स की 16 श्रेणियों में सबसे तेज़ वृद्धि है।
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