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दिल्ली को हिंदुस्तान ने जिस अंदाज में G-20 आयोजित किया उसकी पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है। देश से लेकर विदेशों तक भारत के समिट की ही चर्चा है। जानकारों का मानना है कि भारत ने जिस तरह की समिट का आयोजन किया, उससे भारत का कद और साख दुनिया में बढ़ी है।

विश्व के सबसे शक्तिशाली देशों के नेताओं को एक मंच पर लाकर भारत ने जिस पुरजोर तरीके से अपनी बात रखी और सभी देशों का गठजोड़ बनाकर कई मुद्दों पर आम सहमति बनाई, वो बताने के लिए काफी है कि भारत की दुनिया में अब जगह कहां है। लेकिन भारत में भारत के दो पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान जरूर परेशान हो गए होंगे।

चीन और पाकिस्तान दोनों भारत की इस बढ़ती ताकत से बेचैन हो रहे हैं। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समिट में भले शामिल नहीं हुए लेकिन चीन में बैठे हुए उनकी नज़र लगातार इस बैठक पर बनी हुई थी। ऐसे में चीन बैठक में पीएम मोदी की बातें सुनकर परेशान ज़रूर हुआ होगा, जो हर मायने में सफल रहा।

भारत ने दुनिया के शक्तिशाली मुल्कों के नेताओं के सामने अपनी बात रखी। समिट में अफ्रीकन यूनियन को शामिल कर भारत ने ग्लोबल साउथ के लीडर के रूप में अपना बड़ा दांव भी चल दिया। बैठक में भारत ने यूक्रेन युद्ध पर कम चर्चा की। भारत ने देशों के सामने ये साफ कर दिया कि वो इस बैठक पर यूक्रेन युद्ध की छाप पड़ने से रोकना चाहता है और वो इसमें काफी हद तक सफल रहा। इसके साथ ही इस बैठक में भारत ने विकसित देशों के सामने विकासशील देशों की आवाज़ भी बुलंद की। इस प्रकार कई मायनों में ये बैठक भारत की दुनिया में साख बढ़ाने में मददगार रही।

 

 

 

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