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Up Kiran, Digital Desk: दुनिया भर में चल रहे बड़े रणनीतिक बदलावों के बीच, भारत और जर्मनी ने अपने द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है. बुधवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जर्मनी के विदेश मंत्री योहान वाडेफुल के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की. दोनों नेताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि वे जल्द से जल्द भारत-यूरोपीय संघ (EU) मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप देना चाहते हैं.
'हम व्यापार दोगुना करने के लिए तैयार हैं' - जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि उनके जर्मन समकक्ष ने पहले ही भरोसा जताया था कि वे भारत के साथ व्यापार को दोगुना कर सकते हैं. जयशंकर ने कहा, "मैं उन्हें विश्वास दिलाना चाहता हूं कि भारत भी यही भावना रखता है. हम इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए जर्मन सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं."
जयशंकर ने जर्मन कंपनियों को यह आश्वासन भी दिया कि भारत में व्यापार करने में उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी. उन्होंने जोर देकर कहा, "मैं मंत्री जी को विश्वास दिलाता हूं कि भारत में आने वाली, यहां अपनी कंपनी स्थापित करने वाली या काम करने वाली किसी भी जर्मन कंपनी की चिंताओं पर हम विशेष ध्यान देने के लिए तैयार रहेंगे."
बदलती दुनिया में भारत-जर्मनी की दोस्ती है अहम
विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया की आर्थिक और रणनीतिक स्थिति में जो अस्थिरता और बदलाव दिख रहे हैं, वे भारत और जर्मनी को एक-दूसरे के और करीब लाते हैं. उन्होंने कहा, "दुनिया में बड़े बदलाव हो रहे हैं जो भारत-जर्मनी के बीच गहरे, मजबूत और व्यापक संबंधों के लिए एक मज़बूत तर्क पेश करते हैं."
जर्मन विदेश मंत्री योहान वाडेफुल ने भारत को जर्मनी का "प्रमुख आर्थिक व्यापारिक भागीदार" बताया. उन्होंने कहा कि 200 से ज़्यादा जर्मन कंपनियां भारत में सक्रिय हैं. वाडेफुल ने भारत को एक "उभरती हुई आर्थिक महाशक्ति" कहा, जिसका वैश्विक मंच पर "विशेष महत्व" है, और भारत-यूरोप संघ एफटीए को अंतिम रूप देने के लिए बर्लिन के पूर्ण समर्थन को दोहराया.
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