आज बात करेंगे ताइवान पर मंडराते जंगी खतरे की। क्योंकि चीन ने ताइवान की जो घेराबंदी की है उससे यही इशारा मिल रहा है कि वह किसी भी वक्त जंग छिड़ सकता है। इसी मंशा के तहत चीन लगातार अपनी समुद्री ताकत को धार दे रहा है। चीन दो ऐसे युद्धपोत तैयार कर रहा है, जिनके दम पर वह आगे की रणनीति को तय कर सकता है। वह अमेरिका का मुकाबला करने की ताकत भी हासिल करना चाहता है।
ताइवान भयंकर तनाव में है। अमेरिका भी परेशान नजर आ रहा है। जापान को समझ नहीं आ रहा कि वह क्या करें। क्योंकि बीजिंग में बैठे बारुदी पाशा ने ताइवान के फ्रंट पर ऐसा शिकंजा कस दिया कि अगर जंग शुरू हो गई तो ताइवान को तबाह होने से कोई नहीं बचा पाएगा। दक्षिण चीन सागर में जंगी ठिकाना बना कर बीजिंग ने समंदर में ऐसा बारुदी बवंडर खड़ा कर रखा है कि ताइवान के मोर्चे पर भड़की बारूदी चिंगारी महायुद्ध में तब्दील हो सकती है। यह खतरा इसलिए भी तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि चीन इस कदर एग्रेसिव है कि वह अमेरिका से भी सीधी जंग की तैयारी में जुटा हुआ है।
जिसका सबूत है बीजिंग का ऐसे ऐसे हथियार जमा करना जिनके दम पर वो अमेरिका का मुकाबला करने का प्लान बना रहा है। ऐसा ही एक हथियार है चीन का टाइप जीरो फोर फाइव युद्धपोत। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक चीन इस साल के आखिर तक कम से कम 10 विशाल युद्धपोत अपनी नौसेना में शामिल करने जा रहा है। इसमें फाइव क्यूटी डेस्ट्रॉयर और दो विशाल और बेहद तेजी से हमला करने वाले टायर जीरो फाइव फोर बीप फ्रिगेट से लैस हो सकता है। ये नए युद्धपोत चीन के दो एयरक्राफ्ट चीन के बेड़े में शामिल होंगे। जिसके बाद समंदर में चीन की ताकत काफी बढ़ने का दावा किया जा रहा है।
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