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Up Kiran, Digital Desk: 'ऑपरेशन सिंदूर' का नेतृत्व करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को एक और बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें उप सेना प्रमुख (रणनीति) के पद पर पदोन्नत किया गया है। इस पद के तहत भारतीय सेना की सभी ऑपरेशनल शाखाएं सीधे उप सेना प्रमुख को रिपोर्ट करती हैं।

रक्षा मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी। रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियों समेत अन्य महत्वपूर्ण विभागों के बीच समन्वय के लिए उप सेना प्रमुख का पद बनाया गया है। यह भारतीय सेना के महत्वपूर्ण पदों में से एक होगा।

लेफ्टिनेंट राजीव घई को 4 जून को आयोजित रक्षा उद्घाटन समारोह 2025 के दौरान उत्तम युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया गया। लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस का नेतृत्व किया। पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक ने युद्ध विराम के लिए लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई से फोन पर बात की, जिसके बाद उन्होंने 12 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम की घोषणा की।

मणिपुर का दौरा किया

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने फरवरी में मणिपुर का भी दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने भारत-म्यांमार सीमा का भी निरीक्षण किया था। मणिपुर दौरे के दौरान उन्होंने मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, मुख्य सचिव और डीजीपी से भी मुलाकात की थी।

कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई कुमाऊं रेजिमेंट के वरिष्ठ अधिकारी हैं। भारतीय सेना में अपनी सेवा के दौरान उन्होंने कई बड़े ऑपरेशन का नेतृत्व किया है। डीजीएमओ बनने से पहले वे चिनार कॉर्प्स के जीओसी थे। राजीव घई ने कई आतंकवाद विरोधी ऑपरेशनों में अहम भूमिका निभाई है, खासकर जम्मू-कश्मीर में।

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