Up Kiran, Digital Desk: एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को एक चीनी महिला को आठ साल की सजा और 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया। यह महिला दो साल पहले बौद्ध भिक्षु के वेश में भारत में अवैध रूप से घुसने की कोशिश करते हुए पकड़ी गई थी। सुरक्षा बलों ने उसे भारत-नेपाल सीमा पर स्थित रुपईडीहा चौकी पर गिरफ्तार किया था।
अवैध प्रवेश की साजिश में शामिल महिला का नाम
45 वर्षीय ली शिनमेई (जिसे ली शिन मेई भी कहा जाता है) ने नेपाल से भारत में प्रवेश करने की कोशिश की थी। महिला के पास चीन का पासपोर्ट था, लेकिन उसके पास भारतीय वीज़ा नहीं था। जांचकर्ताओं ने बताया कि ली शिनमेई को बौद्ध भिक्षु के वस्त्र पहनने के बावजूद भारतीय सीमा में घुसने की अनुमति नहीं थी, और यह अवैध रूप से भारतीय सीमा में प्रवेश करने की कोशिश कर रही थी।
कागजात की खोज और गिरफ्तारियां
गिरफ्तारी के बाद, अधिकारियों ने ली शिनमेई से उसकी पहचान और मंशा के बारे में पूछताछ की। चूंकि वह हिंदी या अंग्रेज़ी नहीं समझती थी, इसलिए दुभाषिए के माध्यम से उससे बातचीत की गई। उसके पास से कई विदेशी दस्तावेज़, एक चीनी नागरिकता कार्ड, एटीएम कार्ड्स, एक मोबाइल फोन, एक मसाजर, स्मृति पुस्तिका और धार्मिक ग्रंथ बरामद हुए। इस पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने उसे अवैध रूप से भारत में घुसने के आरोप में गिरफ्तार किया।
अदालत का निर्णय और सजा
इस मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कविता निगम ने अपना फैसला सुनाया। अदालत ने महिला को अवैध रूप से भारत में घुसने का दोषी ठहराया और उसे आठ साल की सजा और 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया। अदालत ने यह भी कहा कि यदि जुर्माना न भरा गया तो उसे छह महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
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