_1671709662.png)
Up Kiran, Digital Desk: बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है, और इस बार चर्चा के केंद्र में हैं केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान। शनिवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने साफ कर दिया कि यदि वे आगामी विधानसभा चुनाव लड़ते हैं, तो उसका मकसद सिर्फ और सिर्फ पार्टी का स्ट्राइक रेट बेहतर करना होगा मुख्यमंत्री की कुर्सी उनकी प्राथमिकता नहीं है।
चुनाव के मौसम में जब हर बयान के मायने निकाले जाते हैं, चिराग का यह स्पष्टीकरण राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। तो आइए, जानते हैं कि चिराग ने क्या कहा, क्यों कहा, और इसका बिहार की राजनीति पर क्या असर पड़ सकता है।
चुनाव लड़ने की संभावना, लेकिन क्यों
चिराग पासवान ने यह स्पष्ट किया कि विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला उनकी पार्टी के संसदीय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर मैं लड़ता भी हूं, तो यह कोई असाधारण बात नहीं होगी। बीजेपी ने भी अपने राष्ट्रीय नेताओं को राज्यों में उतारा है।
उनका यह बयान बताता है कि वह पार्टी हित को सर्वोपरि मानते हुए रणनीति के तहत मैदान में उतर सकते हैं, सिर्फ अपनी पार्टी के प्रदर्शन को मजबूत करने के लिए।
क्या है ‘स्ट्राइक रेट’ और क्यों है ये ज़रूरी
राजनीतिक विश्लेषकों के लिए 'स्ट्राइक रेट' एक अहम मीट्रिक है। इसका मतलब है पार्टी ने जितनी सीटों पर चुनाव लड़ा, उसमें से कितनी सीटें जीतीं।
चिराग मानते हैं कि पार्टी का स्ट्राइक रेट बेहतर होगा तो यह सीधे तौर पर NDA के प्रदर्शन को मज़बूती देगा। उन्होंने कहा कि मैं अगर लड़ता हूं, तो केवल पार्टी का स्ट्राइक रेट बेहतर करने के मकसद से। मुख्यमंत्री पद मेरी मंशा नहीं है।
इस तरह उन्होंने यह संदेश दिया कि उनकी लड़ाई सत्ता के लिए नहीं बल्कि राजनीतिक मजबूती और गठबंधन के हित में है।
--Advertisement--