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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश में बिजली की भारी कटौती को लेकर विवाद अब तूल पकड़ चुका है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां दिन-प्रतिदिन की बिजली की सप्लाई घटकर महज तीन घंटे रह गई है। इस संकट को लेकर कांग्रेस ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी ने सरकार को घेरते हुए कहा है कि राज्य में बिजली की आपूर्ति पूरी तरह से विफल हो चुकी है, और जनता परेशान है।

कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यूपी में बिजली संकट बेहद गहरा हो चुका है। "ग्रामीण इलाकों में 24 घंटे में महज तीन घंटे ही बिजली मिल रही है, जो लोगों के लिए असहनीय है। विद्युत आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है, लेकिन सरकार सिर्फ झूठे वादे करती आ रही है।" अवस्थी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार मंचों पर बड़े-बड़े दावे तो करती है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।

अंशू अवस्थी ने यह भी कहा कि पिछले दस वर्षों में योगी सरकार ने न तो कोई नया विद्युत संयंत्र स्थापित किया और न ही मौजूदा सप्लाई सिस्टम को बेहतर करने के लिए कोई ठोस कदम उठाए। "इसके बजाय, अब उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग का निजीकरण किया जा रहा है, जिससे प्रदेश के लोगों के रोजगार और भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।" कांग्रेस का आरोप है कि सरकार इस प्रक्रिया के माध्यम से अपने उद्योगपति दोस्तों को लाभ पहुंचाना चाहती है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता इस सरकार से परेशान हो चुकी है, और आगामी 2027 में जनता भाजपा का पूरी तरह से सफाया कर देगी।

इसी बीच, एक और घटना ने इस मुद्दे को और गरमा दिया है। उत्तर प्रदेश के बिजली मंत्री ए.के. शर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग अपनी बिजली समस्याओं को लेकर मंत्री से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन मंत्री जी की प्रतिक्रिया न के बराबर थी। फरियादी अपनी शिकायतें बताते रहे, लेकिन मंत्री ने कोई सुनवाई नहीं की और नारे लगाते हुए अपनी कार में बैठकर निकल गए। वीडियो में यह भी सुनाई दे रहा है कि लोग कह रहे हैं कि केवल तीन घंटे ही बिजली मिल रही है, लेकिन मंत्री का रवैया पूरी तरह से नकारात्मक था।

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