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concentration problem: इंसानी जिस्म को स्वस्थ और फिट रखने के लिए सिर्फ विटामिन और मिनरल्स की आवश्यकता नहीं है, बल्कि हेल्दी फैट्स भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हेल्दी फैट्स, जैसे कि ओमेगा-3 और ओमेगा-6, विटामिन ए, डी और ई के अवशोषण में हेल्प करते हैं, क्योंकि ये विटामिन फैट में घुलनशील होते हैं।

ओमेगा-3 फैटी एसिड, जो शरीर के समग्र स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है, हमारे दिल और दिमाग के लिए फायदेमंद है। इसकी कमी से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है, बल्कि मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ता है। इसके अलावा, ओमेगा-6 भी जरूरी हेल्दी फैट्स में आता है, जो पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (PUFAs) के रूप में जाना जाता है और इसका दिल और दिमाग पर अच्छा असर होता है।

ओमेगा-3 के स्रोतों में सालमन, टूना, और सारडीन जैसी मछलियाँ शामिल हैं। यदि आप मांसाहारी नहीं हैं, तो चिया सीड्स, फ्लैक्‍स सीड्स, और अखरोट जैसे खाद्य पदार्थ आपकी ओमेगा-3 की जरूरत को पूरा कर सकते हैं।

ओमेगा-3 की कमी के लक्षण

  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: यदि आप अक्सर बीमार पड़ रहे हैं या रोगों से लड़ने में असमर्थ हैं, तो यह ओमेगा-3 की कमी का संकेत हो सकता है।
  • महिलाओं में स्वास्थ्य समस्याएं: पीरियड्स और प्रेग्नेंसी के दौरान समस्याएं और अत्यधिक ब्लीडिंग की शिकायत हो सकती है।
  • ध्यान की कमी: ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और मानसिक सतर्कता में कमी महसूस हो सकती है।
  • स्वभाव में चिड़चिड़ापन: मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन भी ओमेगा-3 की कमी के कारण हो सकता है।
  • किडनी की समस्याएं: किडनी पर असर डाल सकती है और शरीर में टॉक्सिन्स इक्ट्ठा हो सकते हैं।
  • आंखों की समस्याएं: ड्राई आई और मोतियाबिंद का खतरा बढ़ सकता है।

 

 

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