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Condoms in Film Making: फिल्मों में गोली लगने के दृश्य हमेशा से दर्शकों को हैरान करते आए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन लुभावने दृश्यों के पीछे एक बेहद साधारण सी चीज का इस्तेमाल होता है? एक एक्टर राजू श्रेष्ठ ने हाल ही में इस राज से पर्दा उठाया है। साथ ही ये भी बताया कि क्यों शूटिंग के दौरान कंडोम का जमकर इस्तेमाल किया जाता है।

इन दृश्यों को बनाने में विशेष प्रकार के रबर (कंडोम) का उपयोग किया जाता है, साथ ही कृत्रिम रक्त का प्रयोग भी किया जाता है। कॉस्ट्यूम के अंदर छिपाने की खास व्यवस्था की जाती है ताकि दृश्य एक दम असली दिखे।

प्रारंभिक सेटअप में कपड़ों के अंदर विशेष रूप से तैयार किया गया सेटअप होता है, जिसमें बैटरी से चलने वाला छोटा सा उपकरण होता है। इस सेटअप में सटीक स्थान पर फिट किया गया विस्फोटक होता है। कार्यप्रणाली में लंबी तार का एक सिरा विस्फोटक से जुड़ा होता है और दूसरा सिरा बैटरी से कनेक्ट होता है। तकनीशियन सटीक समय पर बिजली का संचार करता है, जिससे गोली लगने वाला दृश्य रिकॉर्ड किया जाता है।

अभिनेता के मुताबिक गोली वाले सीन में कंडोम की अहम भूमिका होती है। इसी कंडोम में खून भरकर कपड़ो के भीतर छुपाया जाता है, जो गोली लगते ही फूटता है और बॉडी से खून निकलता दिखता है।

बता दें कि ऐसे सीन के लिए एक टिकाऊ और पतले रबर की जरूरत होती है। आम गुब्बारा कभी भी फूटने का भय होता है। जबकि कंडोम इस मामले में ज्यादा मजबूत है। इसलिए दृश्यों में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

 

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