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Up Kiran , Digital Desk: पिछले कुछ दिनों से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ रहा है। भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि निलंबित कर दी है। पाकिस्तान जलापूर्ति शुरू करने का प्रयास कर रहा है। इस बीच अब यह बात सामने आई है कि पाकिस्तान में सिंधु नदी के पानी को लेकर विवाद चल रहा है।

पाकिस्तान सरकार ने सिंधु नदी पर छह नहरें बनाने की परियोजना शुरू की है। ये नहरें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बनाई जाएंगी और इससे सिंध प्रांत में गुस्सा फैल गया है। सिंध प्रांत के लोगों ने पाकिस्तानी सरकार पर एक बार फिर इस परियोजना के जरिए भेदभाव करने की तैयारी करने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान में सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में पहले से ही इस मुद्दे पर उग्रवाद की घटनाएं हो चुकी हैं कि केवल पंजाब केंद्रित नीतियां ही क्यों बनाई जाती हैं।

इस बीच, सिंध में इस नहर परियोजना के विरुद्ध गुस्सा बढ़ गया है। मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने राज्य के गृह मंत्री के घर में आग लगा दी। सिंध के गृह मंत्री जियाउल हसन लंजर का नौशहरो फिरोज जिले में एक घर है। विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों ने यहां उनका घर जला दिया। इसके अलावा घर में रखा सारा सामान भी तोड़फोड़ दिया। घर के बाहर खड़े वाहनों को भी आग लगा दी गई। पाकिस्तान सरकार की परियोजना सिंधु नदी पर 6 नहरें बनाने की है। इन नहरों के माध्यम से चोलिस्तान में सिंचाई व्यवस्था को मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है। इसे लेकर पीपीपी और शाहबाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन के बीच भी तनाव है।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने किया विरोध

पाकिस्तान सरकार का कहना ​​है कि इन 6 नहरों के निर्माण से चोलिस्तान रेगिस्तान की सिंचाई सिंधु नदी के पानी से की जा सकेगी। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने इस परियोजना का विरोध किया है। इसके अलावा सिंध में अन्य पार्टियां भी इसके विरुद्ध हैं। पाकिस्तान सरकार के सूत्रों का कहना है कि चोलिस्तान नहर के जरिए 4 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई की जा सकेगी। साथ ही सिंध प्रांत को भी संदेश भेजा जा रहा है। इससे सिंध में जल संकट पैदा हो जाएगा। सिंध के लोगों का कहना है कि उनके हिस्से का पानी पंजाब को देने की तैयारी चल रही है। इसी के चलते पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इसके कारण सिंध में राजमार्ग भी बंद कर दिए गए।

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