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2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस पार्टी बहुत खराब हालत से गुजर रही थी। मगर जैसे ही पार्टी की कमान मल्लिकार्जुन खड़गे के हाथों में आने के बाद कांग्रेस हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक विधानसभा इलेक्शन में बड़ी जीत हासिल कर चुकी है, कांग्रेस नेता इसका पूरा क्रेडिट राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ मल्लिकार्जुन खड़गे और उनके काम करने के तरीके को भी दे रहे हैं।

अब चर्चा है कि कांग्रेस चीफ खड़गे पर एक और बड़ा दांव खेलने जा रही है। दरअसल कांग्रेस पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराकर मोदी सरकार को हटाना चाहती है। पार्टी का मानना है कि बिना उप्र फतह किए उसके लिए दिल्ली की गद्दी पर बैठना बहुत कठिन है। ऐसे में यूपी पर खासतौर से ध्यान दिया जा रहा है। 80 लोकसभा सीटों वाले राज्य में कांग्रेस अपनी पकड़ को फिर से मजबूत करने के लिए नई योजना पर मेहनत कर रही है।

बीते दिनों पार्टी ने अजय राय को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर अहम दांव खेला था। कांग्रेस की योजना 2024 में यूपी से पार्टी के कुछ बड़े चेहरों को चुनावी मैदान में उतारने की है। ऐसी जानकारी भी सामने आ रही कि कांग्रेस पार्टी चीफ खड़गे को भी इलेक्शन लड़ाने की तैयारी में है। बताया जाता है कि उन्हें किसी आरक्षित सीट से मैदान में उतारा जा सकता है। खड़गे को चुनावी मैदान में उतारकर कांग्रेस प्रदेश में खोए हुए दलित वोट बैंक को फिर से अपने पास लाना चाहती है।

दो सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं खड़गे!

सूबे में दलित बसपा का सिर्फ वोट बैंक माने जाते हैं। हालांकि कांग्रेस का कहना है कि अब मायावती दलित मतदाताओं पर अपनी पकड़ खो चुकी हैं। ऐसे में कांग्रेस अब इन मतदाताओं को लुभाने के लिए रणनीति बना रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दलित मतदाताओं को लुभाने के लिए पार्टी मल्लिकार्जुन खड़गे को इटावा या बाराबंकी से चुनाव लड़ाने का मन बना रही है। सूत्रों कहना है कि अगर खड़गे इटावा से चुनाव लड़ते हैं तो इससे नजदीकी सीटों पर इलेक्शन लड़ रहे सपा उम्मीदवारों को फायदा मिल सकता है। अगर ऐसा होता है तो खड़गे यहां के साथ साथ कर्नाटक की परंपरागत सीट से भी चुनाव लड़ेंगे। 
 

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