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Up Kiran, Digital Desk: कांग्रेस ने सोमवार को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते ओडिशा के पूर्व विधायक मोहम्मद मोकिम को पार्टी से निलंबित कर दिया और उनकी प्राथमिक सदस्यता रद्द कर दी। यह कदम मोकिम द्वारा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए पत्र के कुछ दिनों बाद उठाया गया। मोकिम ने पत्र में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के अन्य शीर्ष नेताओं की कड़ी आलोचना की थी।

मोकिम ने अपने पत्र में कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा था कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व और जमीनी कार्यकर्ताओं के बीच दूरी बढ़ती जा रही है। खासकर, 83 वर्षीय खड़गे पर उन्होंने आरोप लगाया कि वह भारत के युवाओं से जुड़ने में असफल रहे हैं। इसके अलावा, मोकिम ने प्रियंका गांधी वाड्रा से एक केंद्रीय भूमिका निभाने की अपील भी की थी।

पूर्व विधायक ने यह भी कहा कि कांग्रेस के कई युवा नेताओं जैसे ज्योतिरादित्य सिंधिया, मिलिंद देवरा और हिमंता बिस्वा सरमा ने पार्टी छोड़ दी, क्योंकि उन्हें लगता था कि उनकी उपेक्षा की जा रही थी। मोकिम का दावा था कि पिछले तीन वर्षों में राहुल गांधी से उनकी मुलाकात नहीं हुई।

मोकिम ने लिखा, “गलत फैसलों और नेतृत्व की खामियों ने पार्टी को भीतर से कमजोर कर दिया है। यह समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं, और अब इनका असर पूरे देश पर दिखने लगा है।” वह कांग्रेस के भविष्य को लेकर बेहद चिंतित दिखाई दिए और उन्होंने पार्टी के नेताओं जैसे सचिन पायलट, डीके शिवकुमार, ए रेवंत रेड्डी और शशि थरूर को महत्वपूर्ण बताया, क्योंकि ये नेता अपनी विश्वसनीयता और ऊर्जा के लिए जाने जाते हैं।

मोकिम ने पत्र में यह भी कहा कि भारत की युवा आबादी के भविष्य को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस को अपनी रणनीति में बदलाव की आवश्यकता है। उनका कहना था, "हमारी पार्टी का भविष्य युवाओं के हाथों में है, लेकिन आज कांग्रेस और भारतीय युवाओं के बीच एक गंभीर अंतर पैदा हो गया है।"