
Up Kiran, Digital Desk: लगता है तेलंगाना में राजनीति एक बार फिर गरमाने वाली है, और इस बार मुद्दा है 'जाति जनगणना'। आपने शायद सुना होगा कि जाति जनगणना का मतलब है देश या राज्य में रहने वाले लोगों की गिनती करना, लेकिन उनकी जाति के हिसाब से भी। यह डेटा सरकार को यह समझने में मदद करता है कि किस जाति के लोग कितनी संख्या में हैं, उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति कैसी है, ताकि उनके लिए सही योजनाएं बनाई जा सकें और उन्हें उनका हक़ मिल सके।
अब खबर यह है कि तेलंगाना की कांग्रेस पार्टी ने फैसला किया है कि वो इस जाति जनगणना के मुद्दे को लोगों के बीच खूब प्रचारित करेगी और इस पर ज़ोर देगी। इसका मतलब है कि कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर गांवों-शहरों में जाएगी, लोगों से बात करेगी, शायद बैठकें और रैलियां भी करेगी।
कांग्रेस को लगता है कि यह मुद्दा तेलंगाना में उनके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। वे शायद यह दिखाना चाहते हैं कि वे समाज के हर वर्ग, खासकर पिछड़े और वंचित समुदायों के बारे में सोचते हैं और उनके हक के लिए लड़ रहे हैं। जाति जनगणना की मांग करके वे इन समुदायों का समर्थन जुटाने की कोशिश कर सकते हैं।
यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर भी कांग्रेस द्वारा उठाया जा रहा है, और अब वे इसे तेलंगाना की राज्य राजनीति में भी एक बड़ा हथियार बनाने की फिराक में हैं। वे शायद यह उम्मीद कर रहे हैं कि जाति जनगणना की बात करने से लोग उनसे जुड़ेंगे और उन्हें राजनीतिक तौर पर फायदा मिलेगा।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि तेलंगाना की जनता जाति जनगणना के इस मुद्दे पर कैसी प्रतिक्रिया देती है और क्या कांग्रेस इसे वाकई में एक बड़ा राजनीतिक हथियार बना पाती है। फिलहाल, यह साफ है कि कांग्रेस तेलंगाना में इस मुद्दे पर अपनी पूरी ताकत लगाने वाली है।
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