Up Kiran, Digital Desk: पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों और लगातार बढ़ रही महंगाई के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने आज 'भारत बंद' का आह्वान किया। इस बंद का असर देश के कई हिस्सों में देखने को मिला, जहाँ आम जनजीवन काफी हद तक प्रभावित हुआ। सुबह से ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं और विपक्षी दलों के सदस्यों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे कई जगहों पर यातायात बाधित हुआ और दुकानें बंद रहीं।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सहित देश के कई राज्यों में इस बंद का खासा असर पड़ा। विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, गुंटूर, तिरुपति, कुरनूल और नेल्लोर जैसे आंध्र प्रदेश के प्रमुख शहरों में स्कूल-कॉलेज, दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सार्वजनिक परिवहन भी प्रभावित हुआ, जिससे यात्रियों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा।
तेलंगाना में भी हैदराबाद, वारंगल, करीमनगर, खम्मम, निजामाबाद और नलगोंडा जैसे शहरों में बंद का व्यापक असर देखा गया। सड़कें सूनी दिखीं और बसों के पहिये थमे रहे।
कांग्रेस के साथ-साथ कई अन्य विपक्षी दलों जैसे टीडीपी, वाम दल (सीपीआई और सीपीआई-एम), द्रमुक, जद-एस, राकांपा और राजद ने भी इस बंद का समर्थन किया। इन दलों के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर रैलियां निकालीं, धरना प्रदर्शन किए और कई जगह रोड ब्लॉक भी किए। हालांकि, पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस बंद से खुद को दूर रखा, लेकिन महंगाई के खिलाफ अपने अलग विरोध प्रदर्शन किए।
दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार को पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और महंगाई पर लगाम लगाने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए, क्योंकि इसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ रहा है।
पुलिस ने कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया, लेकिन विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण ही रहे। कुल मिलाकर, इस 'भारत बंद' ने देश के एक बड़े हिस्से में सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया, जिससे सरकार पर जनता के बढ़ते गुस्से का संकेत मिला।
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