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Up Kiran, Digital Desk: एक लंबी खामोशी के बाद कोरोना वायरस एक बार फिर धीरे-धीरे परछाइयों से निकलकर भारत के जनजीवन में दस्तक देने लगा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक 26 मई 2025 तक देश में सक्रिय मामलों की संख्या 1010 तक पहुंच गई है — यह संख्या भले ही पिछले उग्र चरणों की तुलना में मामूली लगे मगर यह फिर भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सरकार के लिए एक चुपचाप बढ़ता हुआ खतरा बन चुकी है।

सावधानी का समय मगर घबराने का नहीं

देश के कई हिस्सों में नए मामले सामने आए हैं और दक्षिण भारत की स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक बनी हुई है। केरल जो पहले भी कोरोना की लहरों में हॉटस्पॉट रहा है अब फिर से 430 नए मामलों के साथ सबसे ऊपर है। यहाँ संक्रमण की वापसी मानव शरीर में छिपे वायरस की वह चतुर चाल लगती है जो समय पाकर दोबारा हावी होने की कोशिश करता है।

दिल्ली की गलियों में जहाँ मास्क अब इतिहास हो चला था 104 नए मामले राजधानी के हलचल भरे माहौल में फिर से सावधानी की गूंज ला रहे हैं।

महाराष्ट्र में 66 नए मामले सामने आए हैं। एक राज्य जो कभी देश का कोरोना केंद्र माना गया था अब फिर से सतर्क निगाहों के घेरे में है। यहाँ तीन मरीजों की मौत ने फिर याद दिला दिया है कि यह वायरस भले ही कमजोर पड़ा हो मगर खत्म नहीं हुआ।

कर्नाटक में 36 नए केस रिपोर्ट हुए हैं और वहाँ की सरकार ने मेडिकल स्टाफ के लिए मास्क पहनने की एडवाइजरी जारी कर दी है — यह एक छोटा मगर निर्णायक कदम है जो बताता है कि फ्रंटलाइन वॉरियर्स को फिर से कवच की ज़रूरत है। राज्य में एक मौत की खबर ने और सतर्कता ला दी है।

संख्या से परे है डर की थरथराहट

जब कोई महामारी संख्या में सीमित होती है तब भी उसकी मनोवैज्ञानिक उपस्थिति समाज के तंतुओं में गूंजने लगती है। गुजरात में 83 तमिलनाडु में 69 उत्तर प्रदेश में 15 और पश्चिम बंगाल में 12 नए मामले दर्ज किए गए हैं — ये आँकड़े छोटे हैं पर हर एक संख्या के पीछे एक इंसान एक परिवार एक आशंका छिपी होती है।

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