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Terror Attack: हाल ही में आतंकी हमलों में हुई बढ़ोतरी सशस्त्र बलों के लिए सिरदर्द साबित हुई है, खासकर 40% हमले जम्मू क्षेत्र के अंदर हुए हैं, जो कभी आतंकवादियों का लक्ष्य नहीं रहा। डोडा हमला इस साल कठुआ के बाद जम्मू में छठी बड़ी आतंकी घटना थी। इससे पता चलता है कि आतंकवादियों ने भारतीय सेना के खिलाफ एक नया मोर्चा खोल दिया है। आतंकवादियों को खत्म करने के लिए सेना ने जिले में अतिरिक्त बल तैनात किया है।

अतिरिक्त तैनाती में अर्धसैनिक बल भी शामिल

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सेना ने पीर पंजाल रेंज में मौजूद संभावित आतंकवादियों से निपटने के लिए जम्मू क्षेत्र में अतिरिक्त 3,000 सैनिकों को तैनात किया है। अतिरिक्त तैनाती में एक ब्रिगेड मुख्यालय, तीन पैदल सेना बटालियन और विशिष्ट पैरा-स्पेशल फोर्स की कुछ टीमें शामिल हैं। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के अतिरिक्त सैनिकों को भी तैनात किया जा रहा है।

नवीनतम रिपोर्ट में 50 से अधिक विदेशी आतंकवादियों की मौजूदगी का संकेत दिया गया है, जिनमें विशेष सेवा समूह (SSG) के सेवानिवृत्त पाकिस्तानी सेना के नियमित सैनिक और गुरिल्ला युद्ध में अच्छी तरह से प्रशिक्षित आतंकवादी शामिल हो सकते हैं। ये अच्छी तरह से प्रशिक्षित आतंकवादी MP-4 असॉल्ट राइफल, स्टील-कोर बुलेट और अत्यधिक एन्क्रिप्टेड संचार उपकरण जैसे आधुनिक हथियारों से लैस हैं।

पीर पंजाल में आतंकी ठिकाने

माना जाता है कि ये आतंकवादी महीनों पहले भारत में घुसपैठ कर चुके हैं और माना जाता है कि उन्हें स्थानीय ओवरग्राउंड वर्करों से समर्थन मिल रहा है। उन्होंने महीनों तक इलाके की टोह ली है और अब वे पहाड़ी इलाकों और अपने ठिकानों से अच्छी तरह वाकिफ हैं, जहां वे सेना की टीमों पर घात लगाकर हमला करने के बाद पीछे हट जाते हैं। 

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