img

Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश स्थित तिरुपति का श्री वेंकटेश्वर मंदिर (तिरुमाला) इस समय आस्था और भक्ति के सैलाब में डूबा हुआ है। लगातार पड़ रही छुट्टियों के कारण, श्रीवारी सर्व दर्शन (Sarva Darshan) के लिए आने वाले भक्तों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई है। इसका परिणाम यह है कि वैकुंठम क्यू कॉम्प्लेक्स 2 और नारायणगिरी शेड्स पूरी तरह से भक्तों से भर चुके हैं, और भक्तों की कतारें रिंग रोड से ऑक्टोपस बिल्डिंग तक लगभग तीन किलोमीटर तक लंबी हो गई हैं। ऐसे में, देवस्थानम के अनुसार, भक्तों को भगवान श्रीवारी के दर्शन के लिए लगभग 20 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है।

भक्तों की अटूट श्रद्धा और लंबी कतारों का नजारा

इस भारी भीड़ को देखते हुए, तिरुमाला का पूरा वातावरण भक्तों की अटूट श्रद्धा और भक्ति से सराबोर है। लंबी कतारों में खड़े भक्त भी धैर्य और उत्साह के साथ अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। वे श्री वेंकटेश्वर स्वामी के 'दर्शन' के लिए किसी भी तरह की कठिनाई को सहने को तैयार हैं। यह दृश्य वास्तव में आस्था की शक्ति का प्रमाण है, जहां भक्तगण घंटों तक कतारों में खड़े रहने के बावजूद अपने चेहरे पर एक दिव्य मुस्कान और श्रद्धा बनाए हुए हैं।

बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था: भक्त ही बन रहे हैं सहयोग का माध्यम

इस अभूतपूर्व भीड़ के बीच, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रहा है कि भक्तों को न्यूनतम सुविधाएं मिल सकें। भक्तों को प्रसादम्, दूध और पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। विशेष बात यह है कि इन सुविधाओं का वितरण भी अन्य भक्तों द्वारा ही किया जा रहा है, जो भक्ति और सेवा की भावना का एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। यह आपसी सहयोग का दृश्य इस बात का प्रमाण है कि कैसे भक्ति के अवसर पर लोग एक-दूसरे का सहारा बनते हैं।

सुरक्षा और प्रबंधन: वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं बारीकी से निगरानी

इस भारी भीड़ को नियंत्रित करने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए, वरिष्ठ अधिकारी और सुरक्षा कर्मी लगातार तैनात हैं। वे भीड़ की गति, व्यवस्था और सुरक्षा की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं ताकि सब कुछ सुचारू रूप से चल सके। किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या गड़बड़ी को रोकने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय किए गए हैं।

आवास की कमी और अस्थायी व्यवस्था

बढ़ी हुई भीड़ के कारण, तिरुमाला में आवास की समस्या भी गंभीर हो गई है। जिन भक्तों ने पहले से अपने ठहरने की व्यवस्था नहीं की है, वे तीर्थयात्री आवास परिसरों में शरण ले रहे हैं। कई भक्तों ने तो तिरुमाला में अस्थायी आश्रय स्थलों और जर्मन शेड्स में ही रात बिताने का सहारा लिया है। यह स्थिति भक्तों की श्रीवारी के प्रति गहरी आस्था को दर्शाती है, जो किसी भी प्रकार की असुविधा से परे जाकर दर्शन करने की इच्छा रखते हैं।

--Advertisement--