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Up Kiran, Digital Desk: बिहार के मुजफ्फरपुर से एक दिल दहला देने वाली खबर आई है, जिसने इंसानियत और व्यवस्था दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बोचहां थाना क्षेत्र के मैदापुर गांव में एक बुजुर्ग को आवारा कुत्तों के झुंड ने नोच-नोच कर मार डाला और सबसे दर्दनाक बात ये रही कि घटनास्थल के पास बज रहे डीजे की तेज़ आवाज़ में उनकी चीखें दब गईं। किसी ने कुछ सुना नहीं, किसी ने मदद नहीं की और इस खामोशी में एक ज़िंदगी खत्म हो गई।
बुजुर्ग थे लीची बगान में, और लौटे तो कफ़न में
मृतक का नाम रामानंद शाह था, जो रोज़ की तरह गांव के पास लीची के बगीचे में जलावन (लकड़ी) चुनने गए थे। उनकी माली हालत ठीक नहीं थी, मिट्टी के चूल्हे पर खाना पकता था, और लकड़ी इकट्ठा करना उनकी दिनचर्या का हिस्सा था।
लेकिन इस दिन एक दर्जन से ज्यादा कुत्तों ने उन पर हमला कर दिया। शरीर के कई हिस्से नोंच डाले गए, और रामानंद शाह की तड़प-तड़प कर मौत हो गई। उनकी चीखें हवा में खो गईं क्योंकि पास ही शादी में डीजे चल रहा था।
डीजे की तेज़ धुन में डूब गई एक जान
इस कहानी का सबसे भयावह पहलू है आवाज का खो जाना। पास में शादी समारोह चल रहा था, जहां डीजे का शोर इतना तेज़ था कि इंसान की चीख भी सुनाई नहीं दी।
रामानंद के पुत्र संजीत शाह बताते हैं कि जब उन्हें खबर मिली, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। वो कहते हैं कि अगर आवाज़ सुन पाते, तो शायद कुछ कर पाते।
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