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Up Kiran, Digital Desk: देश के कई हिस्सों में इस सप्ताह भारी बारिश का सिलसिला जारी रहने वाला है, जो जनजीवन और कृषि गतिविधियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत के पहाड़ी प्रदेशों में आगामी पांच दिनों तक लगातार बारिश के चलते सतर्कता बरतने की जरूरत है। इसके अलावा पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत के कई क्षेत्रों में भी भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है, जो बाढ़ और जलजमाव जैसी मुश्किलें उत्पन्न कर सकती है।
विशेष रूप से उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और मेघालय में दो से तीन अगस्त के बीच अत्यधिक भारी वर्षा की आशंका है, वहीं अरुणाचल प्रदेश और उत्तरी बिहार में भी इसी अवधि में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। पूर्वोत्तर राज्यों जैसे असम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में दो से आठ अगस्त के दौरान बारिश के साथ-साथ कहीं-कहीं गरज-चमक और तेज़ हवाओं की संभावना भी बनी हुई है। इस क्षेत्र में लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक बचाव उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।
दक्षिणी राज्यों तमिलनाडु और केरल में अगले हफ्ते भारी बारिश का दौर शुरू होने वाला है, जिसमें पांच अगस्त को खासतौर पर इन राज्यों के पहाड़ी इलाकों में अतिवृष्टि का खतरा है। इस दौरान फसलें प्रभावित हो सकती हैं और सड़कों पर जलभराव के कारण यातायात भी बाधित हो सकता है।
मध्य और पूर्वी भारत के अन्य हिस्सों जैसे झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी आगामी दिनों में तेज बारिश की संभावना बनी हुई है। उप हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में चार अगस्त को अत्यधिक बारिश की संभावना को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। इसी तरह, बिहार में भी तीन अगस्त को भारी वर्षा के कारण सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है।
उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, और राजस्थान के कई क्षेत्रों में भी अगस्त की शुरुआत से लेकर मध्य तक भारी से बहुत भारी बारिश का दौर देखने को मिलेगा। यह बारिश किसानों के लिए राहत लेकर आ सकती है, लेकिन साथ ही पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और नदी नालों में उफान का खतरा भी बढ़ा सकती है।
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