अजमेर के रामगंज थाना इलाके में एक लड़की ने अपने घर के मंदिर में जान दे दी। उसने पंखे के लिए लगाए गए लोहे के हुक पर फांसी लगा ली। पिता उसे फंदे से उतारकर अस्पताल ले गए मगर उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। दुर्घटना के वक्त घर में कोई नहीं था. पिता का कहना है कि बेटी ने कर्ज और बीमारी से तंग आ कर ऐसा कदम उठाया।
मामले में पुलिस अफसर ने बताया कि 32 वर्षीय सारिका पुत्री महेंद्र सिंह भगवानगंज रामबाग की निवासी थी। बीती शाम काम के बाद उसके पिता घर लौटे तो बेटी घर के अंदर बने मंदिर में फंदे पर लटकी मिली। पिता कैची से फंदा काटकर बेटी को अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस को अस्पताल से दुर्घटना की जानकारी मिली थी। पोस्टमार्टम के बाद आज सवेरे शव पिता को सौंप दिया गया।
मृतिका के पिता महेंद्र सिंह ने बताया कि पत्नी की बहुत पहले मौत हो चुकी है। 25 साल का एक बेटा है। बेटी सारिका बड़ी थी। वो प्राइवेट नौकरी करती थी। घर की पूरी जिम्मेदारी उस पर ही थी। लगभग एक साल पहले मकान बनाने के लिए कईयों से करीब सात से आठ लाख रुपये कर्ज लिया था। पांच महीने पहले बेटी ने एक ठेकेदार से संपर्क किया था। एडवांस में उसे तीन लाख रुपये दिए थे मगर वो रुपये लेकर फरार हो चला। तब से बेटी टेंशन में आ गई और परेशान रहने लगी।
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