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भारतीय बाजार में एक बार फिर रौनक लौट आई है, खासकर शॉपिंग और खरीदारी से जुड़े यानी कंज्यूमर और रिटेल सेक्टर में. 2025 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में इस सेक्टर में डील्स की झड़ी लग गई. ग्रांट थॉर्नटन भारत की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन तीन महीनों में कुल 132 सौदे हुए, जिनकी कुल कीमत 3.4 बिलियन डॉलर (लगभग 28,000 करोड़ रुपये) थी.

निवेशकों का बढ़ा भरोसा: ये आंकड़े पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले सौदों की संख्या में 6% और उनकी कीमत में 9% की बढ़ोतरी दिखाते हैं. इस तेजी का मुख्य कारण बड़े ब्रांड और ग्रोथ की क्षमता वाले बिजनेस पर निवेशकों का बढ़ता भरोसा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़े सौदों की वजह से बाजार में जबरदस्त उछाल आया.

बड़े सौदों ने बाजार में भरा जोश

इस तेजी के पीछे 100 मिलियन डॉलर से ज्यादा कीमत वाले पांच बड़े सौदों का हाथ था. इन बड़े सौदों ने कुल डील्स की कीमत में लगभग 89% का योगदान दिया. इससे पता चलता है कि निवेशक अब भारतीय बाजार में बड़े दांव लगाने से झिझक नहीं रहे हैं.

ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर और कंज्यूमर इंडस्ट्री लीडर, नवीन मालपानी ने कहा, "तीसरी तिमाही भारतीय कंज्यूमर और रिटेल सेक्टर के लिए एक शानदार वापसी की तरह रही है, जिसमें डील्स की कीमत पिछली तिमाही की तुलना में लगभग चार गुना बढ़ गई. यह तेजी कपड़ा, परिधान, फूड प्रोसेसिंग और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में निवेशकों की बढ़ती रुचि के कारण आई है."

इन सेक्टर्स में रही सबसे ज्यादा धूमकपड़ा और परिधान (Textiles, Apparel and Accessories): कपड़ों और फैशन से जुड़े ब्रांड्स में निवेशकों ने जमकर पैसा लगाया.

फूड प्रोसेसिंग (Food Processing): खाने-पीने की चीजों से जुड़े कारोबार में भी अच्छी खासी डील हुईं.

ई-कॉमर्स (E-commerce): ऑनलाइन शॉपिंग का बाजार लगातार निवेशकों को आकर्षित कर रहा है.

यह रिपोर्ट साफ संकेत देती है कि भारतीय बाजार एक बार फिर निवेशकों के लिए हॉटस्पॉट बन गया है और आने वाले समय में हमें और भी तेजी देखने को मिल सकती है.