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भारतीय रेसलर बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को शनिवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाई कोर्ट ने एशियाई खेलों 2023 में सीधे प्रवेश के लिए दो पहलवानों को दी गई छूट के खिलाफ लगाई गई याचिका खारिज कर दी। 

कोर्ट के फैसले के बाद अब दोनों भारतीय पहलवान बिना ट्रायल के एशियन गेम्स में भाग ले सकेंगे। ‌भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की ओर से एशियाई खेलों 2023 में सीधे प्रवेश के लिए बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट को छूट दी गई थी। जिसके खिलाफ पहलवान अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। 

हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने इन दोनों पहलवानों के एशियाई खेलों के ट्रायल से दी गई छूट की चुनौती याचिका को खारिज कर दिया है। मामले की सुनवाई के दौरान ही कोर्ट ने साफ कहा कि अदालत इस बात का फैसला नहीं करेगी कि बेहतर पहलवान कौन है। अदालत सिर्फ यह देखेगी कि एशियाई खेलों के लिए पहलवान चयन में पहले से स्थापित और तय प्रक्रिया का पालन हुआ है या नहीं। 

फोगाट (53 किग्रा) और पूनिया (65 किग्रा) को मंगलवार को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की तदर्थ समिति द्वारा एशियाई खेलों के लिए सीधे प्रवेश दिया गया, जबकि अन्य पहलवानों को 22 और 23 जुलाई को चयन ट्रायल के माध्यम से भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की करनी होगी। पंघाल और कलकल ने छूट को चुनौती दी और निष्पक्ष चयन प्रक्रिया की मांग की। 

अधिवक्ता ऋषिकेश बरुआ द्वारा दायर याचिका में मांग की गई थी कि दो श्रेणियों (पुरुषों) की फ्री स्टाइल 65 किग्रा और महिलाओं की 53 किग्रा) के संबंध में आईओए तदर्थ समिति द्वारा जारी निर्देश को रद किया जाए और फोगट और पूनिया को दी गई छूट रद्द की जाए।

 बता दें कि बजंरग पुनिया फिलहाल किर्गिस्तान के इसिक-कुल में प्रशिक्षण ले रहे हैं. वहीं विनेश फोगाट हंगरी के बुडापेस्ट में प्रशिक्षण ले रही हैं। ये दोनों पहलवान सात महिला पहलवानों का कथित यौन उत्पीड़न करने के लिए डब्ल्यूआईएफ के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर दिए गए धरने में शामिल रहे थे।

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