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Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली पुलिस ने पिछले तीन सालों में नशीले पदार्थों के तस्करों के खिलाफ एक बड़ी मुहिम छेड़ रखी है। इस अभियान के तहत, पुलिस ने ड्रग्स का कारोबार करने वालों की 27 करोड़ रुपये से ज़्यादा की संपत्ति ज़ब्त कर ली है। यह कार्रवाई ड्रग्स कार्टेल की आर्थिक कमर तोड़ने के लिए की जा रही है, ताकि नशे के इस काले कारोबार को जड़ से उखाड़ा जा सके।

कार्रवाई का बढ़ता दायरा

आंकड़ों पर नज़र डालें तो पता चलता है कि यह कार्रवाई समय के साथ और भी तेज़ होती गई है। साल 2023 में पुलिस ने तीन नशा तस्करों की करीब 38 लाख रुपये की संपत्ति ज़ब्त की थी। अगले ही साल, यानी 2024 में, यह आंकड़ा बढ़कर 5 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जिसमें 28 अपराधियों की संपत्तियां शामिल थीं। इसमें से 4.5 करोड़ रुपये से ज़्यादा की संपत्ति क्राइम ब्रांच की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने फ़्रीज़ की थी।

इस साल, यानी 2025 में, पुलिस ने अपनी कार्रवाई को और भी ज़्यादा तेज़ कर दिया है। 15 सितंबर तक, 30 नशा तस्करों की लगभग 21.5 करोड़ रुपये की संपत्ति ज़ब्त की जा चुकी है। यह दिखाता है कि दिल्ली पुलिस नशे के सौदागरों को किसी भी कीमत पर बख्शने के मूड में नहीं है।

क्या है पुलिस का मकसद?

पुलिस का मानना है कि सिर्फ़ नशा तस्करों को पकड़ना ही काफ़ी नहीं है, बल्कि उनके द्वारा बनाए गए आर्थिक साम्राज्य को भी ध्वस्त करना ज़रूरी है। जब तक उनकी काली कमाई का ज़रिया बंद नहीं होगा, तब तक इस कारोबार पर पूरी तरह से लगाम लगाना मुश्किल है। यही वजह है कि पुलिस अब सीधे उनकी संपत्तियों पर कार्रवाई कर रही है।

यह मुहिम उन युवाओं के लिए एक चेतावनी है जो चंद पैसों के लालच में इस काले कारोबार का हिस्सा बन जाते हैं। दिल्ली पुलिस का यह कदम सराहनीय है और उम्मीद है कि इससे नशे के कारोबार पर गहरी चोट लगेगी और समाज को नशा मुक्त बनाने में मदद मिलेगी।