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Up Kiran, Digital Desk: राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके के बाद से ही हड़कंप मचा हुआ है। जांच एजेंसियाँ इस मामले की तह तक जाने में जुटी हैं और जैसे-जैसे पड़ताल आगे बढ़ रही है, चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। इस सनसनीखेज मामले में अब तक आठ लोगों को धर दबोचा गया है, और इनमें सबसे अहम नाम है मौलवी इस्ताक का।

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने मौलवी इस्ताक को हरियाणा के मेवात इलाके से अपनी हिरासत में लिया था। अब जम्मू-कश्मीर पुलिस उसे पूछताछ के लिए श्रीनगर ले गई है। सूत्रों की मानें तो यह मौलवी लगातार डॉ. मुजम्मिल नाम के एक शख्स के संपर्क में था, जो इस केस में एक मुख्य कड़ी माना जा रहा है।

कौन है यह 'मौलवी इस्ताक' जिसकी तलाश थी?

सवाल उठता है कि आखिर यह मौलवी इस्ताक कौन है और इसका इस धमाके से क्या लेना-देना है? असल में, फरीदाबाद में जिस कमरे से जांच टीमों ने 2900 किलोग्राम से भी ज़्यादा अमोनियम नाइट्रेट जैसा खतरनाक विस्फोटक बरामद किया था, वह कमरा मौलवी इस्ताक ने ही डॉ. मुजम्मिल शकील को किराए पर दिया था।

मौलवी इस्ताक हरियाणा के धौज गांव का रहने वाला है और स्थानीय मस्जिद में इमाम भी है। उसका एक पुराना घर धौज से करीब चार किलोमीटर दूर फतेहपुर तगा गांव में भी है। यह घर खेतों के बीच बना हुआ है और अल-फलाह यूनिवर्सिटी से लगभग साढ़े तीन किलोमीटर दूर है। इसी घर से सोमवार को 2563 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी। इस बड़ी बरामदगी ने जाँच एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं।

किराए का कमरा और विस्फोटक का राज़

जाँच में पता चला है कि डॉ. मुजम्मिल ने मौलवी इस्ताक का यह घर सिर्फ़ सामान रखने के लिए किराए पर लिया था। मुजम्मिल खुद तो अल-फलाह यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के कमरा नंबर 15 में रहता था, पर वहाँ वह शायद ही कभी जाता था।

किरायेदारी को पुख्ता दिखाने के लिए डॉ. मुजम्मिल ने बाकायदा रेंट एग्रीमेंट भी बनवाया था। लाल किले के पास धमाका होने से करीब बीस पच्चीस दिन पहले ही उसने यह कमरा किराए पर लिया था। रेंट एग्रीमेंट में कमरा दो महीने के लिए लेने की बात कही गई थी और स्पष्ट था कि इसका इस्तेमाल सिर्फ़ सामान रखने के लिए किया जाएगा।