
Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली सरकार ने एक नहीं, बल्कि दो बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लेकर राज्य के खिलाड़ियों और छात्रों दोनों में नया जोश भर दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ओलंपिक पदक विजेताओं के लिए नकद पुरस्कार राशि में भारी वृद्धि करने और मेधावी छात्रों को मुफ्त लैपटॉप देने की योजना को मंजूरी दे दी गई है। यह कदम खेल और शिक्षा दोनों क्षेत्रों में प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया गया है।
खेलों में मिलेगा 'सोने' का प्रोत्साहन:
अब दिल्ली के जो खिलाड़ी ओलंपिक खेलों में पदक जीतेंगे, उनकी किस्मत चमकने वाली है। नकद पुरस्कार राशि को कई गुना बढ़ा दिया गया है:
स्वर्ण पदक (Gold Medal) विजेता: अब 1 करोड़ रुपये की बजाय 3 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार मिलेगा।
रजत पदक (Silver Medal) विजेता: पहले 50 लाख रुपये मिलते थे, अब उन्हें 2 करोड़ रुपये मिलेंगे।
कांस्य पदक (Bronze Medal) विजेता: 30 लाख रुपये से बढ़कर अब 1 करोड़ रुपये मिलेंगे।
ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले एथलीट: पदक न जीतने पर भी उन्हें 10 लाख रुपये (पहले 5 लाख) का पुरस्कार दिया जाएगा।
यह योजना केवल ओलंपिक तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पैरालंपिक खेलों, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए भी नकद पुरस्कार राशि में समानुपातिक वृद्धि की गई है। यह फैसला निश्चित रूप से खिलाड़ियों में नया जोश भरेगा और उन्हें देश व दिल्ली का नाम रोशन करने के लिए और अधिक मेहनत करने को प्रेरित करेगा।
मेधावी छात्रों को मिलेगा डिजिटल सहारा:
खेलों के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी दिल्ली सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। अब दिल्ली के मेधावी छात्रों को 'मुफ्त लैपटॉप योजना' का लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत:
दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को लैपटॉप या टैबलेट खरीदने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।
इस योजना का उद्देश्य डिजिटल डिवाइड को कम करना है, ताकि कोई भी छात्र संसाधनों की कमी के कारण ऑनलाइन शिक्षा या आधुनिक तकनीक से वंचित न रहे।
यह कदम छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा के लिए तैयार करेगा और उन्हें भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सशक्त बनाएगा।
दिल्ली सरकार के ये दोनों फैसले खेल और शिक्षा दोनों क्षेत्रों में एक सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। इससे न केवल प्रतिभाओं को पहचान मिलेगी, बल्कि उन्हें आगे बढ़ने का बेहतर मौका भी मिलेगा, जिससे दिल्ली और देश का विकास होगा।
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